विगत एक सप्ताह से एक ओर पीएचसी को जेसीबी मशीन से तोड़ा जा रहा है तो दूसरी तरफ जनप्रतिनिधि बीच-बीच में शुभ मुहुर्त तथा भूमि पूजन के उपलक्ष्य में हर एक दिन के अंतराल पर पूजा पाठ व नारियल तोड़ सीएचसी के आधारशिला रख रहे हैं। सीएचसी निर्माण कार्य काे विधिवत शुभारंभ करने की होड़ सी लग गई है।
बुधवार को शुभ मुहूर्त देखकर जनहित के लिए आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले प्रखंड प्रमुख सतीश कुमार तथा जिप सदस्या प्रेमलता कुमारी ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया। लेकिन शुक्रवार को यह कुछ जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलाें के नेता को यह रास नहीं आया तो पुन: शुक्रवार को अस्पताल परिसर पहुंच गए और नारियल तोड़ने के साथ ही फ्लैक्स बोर्ड हाथ में लेकर फोटो सेशन कराकर अपनी पीठ थपथपाने में लग गए।
इस दौरान संवेदक ने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छौड़ाही के निर्माण का एक फ्लैक्स बोर्ड अस्पताल के मुख्य द्वार पर चस्पा दिया। जिसमें योजना के कार्यकारी एजेंसी का नाम तो दूर प्राक्कलित राशि व कार्य अवधि का आरंभ व समाप्ति दर्ज तक नहीं थी।
सरकार के निर्देश तथा जनसंख्या के आधार पर आमलोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिलेभर में तीन पीएचसी को अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी) बनाया जाएगा। जिसमें छौड़ाही प्रखंड में हाे रहे बन रहे सीएससी में 30 बेड, हर विभागों के अलग-अलग कमरा तैयार कर अत्याधुनिक उपकरण से लैस होगा।
जब पीएचसी के सीएचसी बनने तक अन्यत्र जगह पर पीएचसी के शिफ्ट करने की चर्चा स्वास्थ्य विभाग के गलियारे से आने लगी ताे जनप्रतिनिधि इसका विरोध करने लगे। नेताओं ने अस्थायी तौर पर पीएचसी को प्रखंड की बिल्डिंग में ही शिफ्ट करने की गुहार डीएम व सिविल सर्जन से लगाई।
लेकिन एक महीना बीतने के बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग मौका पाकर अस्पताल के सामग्रियों को एपीएचसी अमारी में शिफ्ट करने की कवायद में जुटे ही थे कि बीते 29 अप्रैल को जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया और पीएचसी परिसर में अनशन पर बैठ गए।
जिसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी तथा सिविल सर्जन ने प्रखंड के खाली पड़े कमरे व शिफ्टिंग के स्थल अमारी एपीएचसी का निरीक्षण करने पहुंचे। नतीजन जनप्रतिनिधियों की मांग अधिकारियों को जायज लगी और पीएचसी अन्य जगह शिफ्टिंग के बजाय छौड़ाही प्रखंड के बिल्डिंग में संचालित होने लगी।
प्राक्कलन बाेर्ड लगाना मुनासिब नहीं समझा
बहरहाल जनप्रतिनिधियों व स्वास्थ्य विभाग के उठा-पटक के बाद स्थिति सामान्य होते ही फिलवक्त संवेदक तकरीबन सप्ताह भर से पुराने पीएचसी की तोड़-फोड़ में जुट तो गये लेकिन उन्होंने कार्य आरंभ करने के दौरान सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार योजना प्राक्कलन का बोर्ड लगाना मुनासिब नहीं समझा। जो सीएचसी के निर्माण से पूर्व अनदेखी व खानापूर्ति को दर्शाता है।
प्रखंड के प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी प्रखंड कैम्पस में योजना का बोर्ड लगाने के लिए संवेदक को निर्देशित करना मुनासिब नहीं समझा। संवेदक व इंजीनियर योजना स्थल पर नजर नहीं आए और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी इस बारे में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।
बोले सिविल सर्जन इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि सीएचसी का निर्माण बीएमआईसीएल पटना स्तर से होता है। जिलास्तर से इसका कुछ नहीं होता है, इसलिए किसी प्रकार की खास जानकारी नहीं है। सिर्फ यह जान रहे हैं कि छौड़ाही में सीएचसी का निर्माण होना है। जहां तक योजना प्राक्कलन बोर्ड का सवाल है तो यह संवेदक या इंजीनियर ही कुछ बता सकते हैं। िकतनी राशि से िनर्माण होना है ये मुझे भी पता नहीं है। सही नहीं होगा
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