प्रखंड के सभी प्राइमरी स्कूल एवं मिडिल स्कूल में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा के तहत सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। फोकल शिक्षकों ने मई माह के तीसरे शनिवार को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्देशित विषयों वज्रपात, ठनका एवं चक्रवाती तूफान से बचाव के तौर तरीके करके बताया। उपस्थित बच्चों को इस दौरान होने वाले जोखिम न्यूनीकरण के गुर बताये गए।
आपदा को रोका नहीं जा सकता है बल्कि कुछ ऐहतियात बरतकर इससे होने वाले जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है। बरसात के मौसम में होने वाली वर्षा के दौरान तड़ित बिजली यानी ठनका से प्रायः जान माल की नुकसान होती है। मौसम विभाग मौसम के पूर्वानुमान की घोषणा करतीहै।
उसको अमल में लाने से जानमाल की क्षति से बचा जा सकता है। खेत में काम करने वाले मजदूर,बाग बगीचे एवं पेड़ के नीचे छुपे बच्चे पर ज्यादातर ठनका गिरकर कहर बरसाती है। ठनका के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहने, बड़े पेड़ यथा ताड़, खजूर के पेड़ के निकट नहीं रुकना चाहिए।
ठनका से पीड़ित व्यक्ति को बचाने का हर संभव प्रयास करनी चाहिए। सूखी लकड़ी या बेलन से शरीर पर घुमाने से बचाया जा सकता है। चक्रवाती तूफान से बचाव के भी विभिन्न तरीकों पर चर्चा की गयी। मौके पर स्कूली बच्चे एवं सहायक शिक्षक, शिक्षिका सहित अन्य मौजूद थे।
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