पब्लिक की छोड़िए सरकारी राशि के गबन की भी एफआईआर पुलिस दर्ज करना मुनासिब नहीं समझती है। साल 2018 में जालसाजों ने डीडीसी जहानाबाद के आईएवाई मद के क्लोन चेक से 32 लाख रुपए की अवैध निकासी कर ली। इसकी शिकायत केनरा बैंक मुख्य शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक रजनीश कुमार ने नगर थानाध्यक्ष से की थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर लिखना जरूरी नहीं समझा। पांच साल बीत जाने के बाद अब कोर्ट के आदेश पर 28 जनवरी को नगर थाना में गबन की एफआईआर दर्ज कर तो ली गई है लेकिन पुलिस जांच के नाम पर खानापूर्ति ही कर रही है।
परिवादी रजनीश कुमार ने एफआईआर में कहा है कि 29 जून साल 2018 को विष्णु सिनेमा चौक निवासी अमर कुमार और 22 मई को वाजिद अली ने उनके बैंक में खाता खुलवाया। 26 जुलाई से लेकर 9 अगस्त 2018 के बीच में अमर कुमार और वाजिद अली ने 14 चेक के माध्यम से 27 लाख 28 हजार 40 रुपए चेक और ट्रांसफर के माध्यम से अवैध निकासी कर ली। जालसाजों ने घोटाला को अंजाम देने के लिए देना बैंक, बंधन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में अपना खाता खोला और घोटाला को अंजाम दिया।
जालसाजों ने बेगूसराय के केनरा बैंक के हर्रख शाखा से डीडीसी जहानाबाद के
जालसाजों ने बेगूसराय के केनरा बैंक के हर्रख शाखा से डीडीसी जहानाबाद के आईएवाई मद के खाता से 2 चेक से 3 लाख 83 हजार रुपए की अवैध निकासी की है। घोटाले की जानकारी मिलने के बाद शाखा प्रबंधक ने 25 सितम्बर को नगर थाना में लिखित शिकायत की थी। एफआईआर नहीं होने पर 13 जनवरी साल 2019 में सीजेएम के समक्ष परिवाद.पत्र दायर किया। 13 जनवरी को सीजेएम ने नगर थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया। 28 जनवरी को नगर थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज किया।
जिन चेक से घोटाले को अंजाम दिया गया है सभी 16 चेक डीडीसी कार्यालय में थे मौजूद
जिन चेक नम्बर से जालसाजों ने घोटाले को अंजाम दिया है वो सभी 16 चेक डीडीसी जहानाबाद के पास मौजूद है। मामले का खुलासा तब हुआ जब जहानाबाद के डीडीसी ने सरकारी खाता का अपडेट कराया। तब जालसाजों की कारस्तानी सामने आई। सरकारी खाता से फर्जी चेक के माध्यम ये अवैध निकासी के बाद जहानाबाद के अधिकारियों के बीच हडकंप मच गई थी। तब जहानाबाद के डीडीसी ने केनरा बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक से डीआरडीए कार्यालय में 16 चेक का भौतिक सत्यापन करवाया और 12 और 13 सितम्बर 2018 को केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक को राशि वापस करने के लिए पत्र लिखा था।
घोटाले के पीछे अंतर राज्यस्तरीय गिरोह का हाथ
सरकारी राशि के इस घोटाले के पीछे जहानाबाद डीडीसी कार्यालय के कर्मी से लेकर बेगूसराय बैंक के कई ब्रांच के स्टाफ की भूमिका संदिग्ध है। बिना डीडीसी कार्यालय के कर्मियों और बैंक कर्मियों के मिलीभगत से घोटाला संभव नहीं है। जिन चेकों से रूपये की अवैध निकासी की गई है, वो सभी चेक डीडीसी जहानाबाद के पाॅकेट में है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि किसने जालसाजों को डीडीसी कार्यालय के चेक का नम्बर उपलब्ध कराया और खाता में मोटी रकम है और इसकी जानकारी दी। साथ ही चेक का क्लीयरेंस भी कई चरणों में होता है। ऐसे में कैसे क्लोन चेक से रुपए की अवैध निकासी हो गई।
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