विद्यालय विकास के लिए मिली राशि खर्च नहीं करने पर जिले के सभी प्रखंडों के हेडमास्टर से स्पष्टीकरण पूछा गया है। वहीं सरकारी मानक के अनुसार, 33 प्रतिशत से भी कम राशि का विद्यालय विकास में उपयोग करने वाले बेगूसराय सदर, वीरपुर, गढ़पुरा, शाम्हो, तेघड़ा, नावकोठी और बलिया के बीईओ से डीपीओ एसएसए ने तीन दिनों में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि किस परिस्थिति में वित्तीय मामलों की अनदेखी की जारी है। इसके लिए प्रखंड व विद्यालय स्तर पर जबावदेही निर्धारित करते हुए कार्यालय को सूचित करें अन्यथा सारी जवाबदेही आपकी होगी।
ज्ञात हो कि जिले में विकास मद में मिली राशि का सदर प्रखंड में सबसे कम मात्र 19 प्रतिशत ही राशि खर्च की गई है। अगर अब भी खर्च शुरू नहीं किया गया तो विद्यालय को मिली राशि लैप्स हो जाएगी। नावकोठी में 30.03 प्रतिशत, बरौनी में 28.42 प्रतिशत, तेघड़ा में 27.87 प्रतिशत, शाम्हो में 27.02 प्रतिशत, गढ़पुरा में 24.16 प्रतिशत, वीरपुर में 24.13 प्रतिशत बेगूसराय सदर में 19.76 प्रतिशत राशि ही खर्च की गई है। वहीं सभी 18 प्रखंड में मिलाकर भी औसत 33.49 प्रतिशत राशि का खर्च किया गया है।
सबसे अधिक साहेबपुरकमाल में 60.96 प्रतिशत, मंसूरचक में 54.89 प्रतिशत जबकि शेष बचे प्रखंडों में 50 प्रतिशत से कम राशि ही खर्च की गई है। डीपीओ ने कहा है कि 21 जनवरी को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में डीडीसी ने जिला में औसत खर्च 33 प्रतिशत से कम खर्च करने वाले बीईओ से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया है। स्पष्ट है कि आपके द्वारा उक्त मामले का ना तो अनुश्रवण किया गया है। और ना ही तकनीकी या अन्य समस्याओं से जिला स्तरीय कार्यालय के अवगत कराया गया है।
केन्द्र से मिलने वाली राशि में कटौती या लैप्स होने की है संभावना
मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी विद्यालय के विकास मद में कंपोजिट ग्रांट एवं कुछ विद्यालय में असैनिक मद की राशि के खर्च का निर्धारण सितंबर-अक्टूबर 2022 तक कर दिया था। डीपीओ ने कहा कि खर्च के लिए लगातार पत्र मीडिया और गुरू गोष्ठी और वर्कशॉप के माध्यम से विद्यालय में रंग रोगन और ब्लैक बोर्ड, सूचना पट, शौचालय की मरम्मती पेय जल एवं विद्युत सामग्री, टीएलएम, दरी साफ-सफाई, स्वच्छता पर खर्च का स्पष्ट निर्देश के बावजूद विद्यालय और छात्र हित में खर्च शुरू नहीं किया गया है। जिसके कारण केन्द्र से मिलने वाली राशि में कटौती या लैप्स होने की संभावना है। यह अति गंभीर मामला है।
विद्यालय विकास और छात्र हित में अभिरूचि नहीं रखते हैं एचएम
डीपीओ ने कहा कि उक्त कार्य ना केवल मूल दायित्व, सरकारी कार्यों के प्रति लापरवाही एवं विद्यालय के विकास और छात्र हित में अभिरूचि नहीं लेना प्रतीत होता है। बल्कि संबंधित एचएम के मनमानेपन, कार्य शिथिलता वरीय अधिकारियों एवं विभागीय निर्देशों की अवहेलना स्पष्ट दिखता है। उन्होंने दो दिनों के अंदर खर्च शुरू करते हुए बीईओ के माध्यम से किस परिस्थिति में सरकारी राशि का खर्च ससमय शुरू नहीं किया गया है, यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
स्पष्टीकरण पूछे जाने में शाम्हो अकहा कुरहा के सभी प्राथमिक विद्यालय के एचएम, साहेबपुरकमाल, ना वकोठी, मटिहानी, बेगूसराय सदर, बलिया, तेघड़ा, बखरी, बछवाड़ा, मंसूरचक, खोदांवदपुर, गढ़पुरा, डंडारी, चेरियाबरियारपुर, छौड़ाही, वीरपुर, भगवानपुर, बरौनी, नावकोठी, मटिहानी के विभिन्न प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय के एचएम से स्पष्टीकरण पूछा गया है।
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