मझौलिया आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी मझौलिया प्रखंड के लालसरैया पंचायत के वार्ड नंबर 13 गोड़ा सेमरा गांव निवासी शहीद फौजदार अहीर के पौत्र मुफलिसी की जिंदगी जी रहे हैं। उन्हें रहने के लिए आशियाना नहीं है। घर पर प्लास्टिक तान कर अपने बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। शहीद फौजदार अहीर के पौत्र विक्रमा यादव ने बताया कि प्रखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रशासन के द्वारा हम लोगों को किसी प्रकार का तरजीह नहीं दी जाती है। इंदिरा आवास, शौचालय के लिए पंचायत से लेकर प्रखंड के लगातार चक्कर लगाने के बाद भी मुझे इंदिरा आवास नहीं दी गई है। 24 अगस्त 1942 को फौजदार अहीर ने अंग्रेजों से लड़ते लड़ते शहीद हो गए। जिन्होंने इस देश के आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया आज उसके पौत्र को सरकार के योजनाओं के लिए प्रखंड कार्यालय का लगातार चक्कर लगाया जा रहा है। पंचायत में मस्तान माई के स्थान के समीप एक छोटा सा स्मारक बना कर पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा खानापूर्ति किया गया है। प्रखंड प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा 24 अगस्त को किसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है।पौत्र विक्रमा यादव ने बताया कि स्मारक का 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को हम लोग अपने निजी कोष से स्मारक के आसपास सफाई एवं रंग रोगन करते है। इसके आसपास के जमीन को कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर घर भी बना लिया गया है। स्मारक के चार दीवारी भी नहीं किया गया है।प्रशासन के उपेक्षा का दंश झेल रहे है शहीद फौजदार अहीर का परिजन।
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