23 दिन से VTR में आदमखोर का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी तक बाघ पकड़ से बाहर है। आदमखोर तकरीबन 10 किलोमीटर दूरी तय करते हुए रामनगर प्रखंड स्थित रघियावन क्षेत्र के मलचगवा पंचायत के दरदरवा गांव के पास पहुंचा है। बड़ी बात ये है कि इस गांव में दशहरा का मेला लगा हुआ है।
ऐसे में प्रशासन को डर सता रहा है कि कहीं भी बाघ दिख गया तो लोगों में भगदड़ मच जाएगी। इसके कारण बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि, यहां वन कर्मियों की टीम तैनात कर दी गई है। यहां गांव के ठीक किनारे बाघ अपना डेरा जमाए हुए है। इसके कारण गांव में डर का माहौल हो गया है। वन विभाग पुरजोर प्रयास कर रहा है कि बाघ गांव के अंदर ना आए। इसे देखते हुए रात में ही वन विभाग की पूरी टीम गांव के अंदर लगा दी गई।
किनारे से अंदर भेजे गए लोग
वन विभाग और प्रशासन के सहयोग से गांव के किनारे रहने वाले लोगों और मवेशियों को अंदर भेज दिया गया है। इसके साथ ही गांव के सभी लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल बाघ को वहां से हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
बाघ बाप-बेटे के सीमा विवाद में जा रही इंसानों की जान
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के जंगल में बाप-बेटा बाघों के बीच क्षेत्र की लड़ाई में इंसानों की मौत रही है। वयस्क बाघ सी-वन अपने क्षेत्र का विस्तार करना चाहता है। इसके लिए वह दूसरे बाघ टी-5 की सीमा में प्रवेश कर रहा है। बाघ टी-5, बाघ सी-1 का पिता है। बाघों की सीमाओं के पास बसे इंसानी बस्ती के लोग इसका शिकार हो रहे हैं। क्षेत्र विस्तार के विवाद में 9 महीने में पांच लोगों की मौत हो गई है।
अब वन विभाग सी-वन वयस्क बाघ की तलाश हाथी से कर रहे हैं। इसके लिए वे सीसीटीवी का सहारा भी ले रहे हैं। ऑपरेशन 23 दिनों से चल रहा है। सी वन बाघ उसी क्षेत्र में पैदा हुआ है। इसके कारण रेस्क्यू टीम को वह बार-बार चकमा दे रहा है। वन विभाग के प्रधान सचिव अरविन्द कुमार चौधरी ने कहा कि रेस्क्यू अभियान चालू है। बाघ का जन्म स्थल चुउटहां में ही है। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
बाघ की हो चुकी है पहचान
आदमखोर बाघ की टाइगर रिजर्व के अधिकारी पहचान कर चुके हैं। बाघ का आगे का दाहिना पैर फुला हुआ है। इसके अलावे बाघ के एक कान पर कटा का निशान है। इन दो निशानों से वन अधिकारी बाघ की पहचान कर रहे हैं। कैमरा में अन्य बाघ भी नजर आ रहे है, लेकिन पहचान चिन्ह नहीं मिलने के कारण लगातार रेस्क्यू अभियान चल रहा है।
हैदराबाद से बुलाए गए हैं एक्सपर्ट, पकड़ने के बाद पलामू भेजा जाएगा
आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए हैदराबाद से चार लोगों की नेशनल बाघ एक्सपर्ट की एक टीम वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में पहुंची है। बाघ को जल्द से जल्द रेस्क्यू कर लिया जाए, इसके लिए टीम में ट्रेंकुलाइजर एक्सपर्ट शफाअत अली को शामिल किया गया है। 400 वन कर्मी और अधिकारी बाघ को पकड़ने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बाघ को पकड़ने के बाद झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व भेजने के लिए अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है।
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बगहा में टीम ने बाघ को घेराः डबरापुर गांव के पास मौजूद है आदमखोर; हर 20 मीटर पर 2 फॉरेस्ट गार्ड तैनात
बगहा में 5 लोगों को मौत के घाट उतारने वाला बाघ 22 दिन बाद भी वन विभाग की पकड़ से दूर है। बाघ पिछले 24 घंटे से रघियावन वन क्षेत्र के डबरापुर गांव के पास डेरा जमाए हुए हैं। वन विभाग की टीम बाघ को भी घेरे हुए है। हर 20 मीटर पर फॉरेस्ट गार्ड को तैनात किया गया है। पढ़ें पूरी खबर
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