सरकार ने गांव के ऊपर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए की खर्च कर रही है। फिर भी जिले के योगापट्टी प्रखंड के बलुआ भवानीपुर पंचायत के बलुआ मलाही टोला गांव में विकास की किरण नहीं पहुंच सकी है। दियारा में बसा हुआ यह गांव आज भी विकास का वाट जोह रहा है। बता दे कि बलुआ मलाही टोला गांव सहित आसपास के कवलापूर , ढवेलवा, डीही, मुजौना,जरलपुर,भरथापट्टी गांव के लोग वर्षों से कटहा नदी को पार करने के लिए बिजली के पोल के बने अस्थाई पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को विवश है। पिछले 10 वर्षों में नदी पार करने के दौरान कई लोग जख्मी भी हो चुके हैं।
बरसात के दिनों में नदी में पानी अधिक होने और पानी का बहाव तेज होने से लोगों के आने-जाने का एकमात्र विकल्प यह बिजली के पोल का पुल ही होता है। यह बिजली के पोल का पुल भी जर्जर हालत में है। जिससे अक्सर ही दुर्घटना होती रहती है। बलुआ मलाही टोला सहित आसपास के गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य स्थान पर जाने के लिए यही रास्ता है। आसपास के कुछ सामाजिक लोगों के सहयोग से इस बिजली के पोल का पुल का निर्माण एवं मरम्मत कार्य होते रहता है।
पुलिया के बिना 7000 की आबादी प्रभावित
क्षेत्र से गुजरने वाली कटहा नदी के किनारे स्थित बलुआ मलाही टोला सहित कवलापूर , ढवेलवा, डीही, मुजौना,जरलपुर,भरथापट्टी गांव के लोग आते रहते हैं। लगभग सात हजार से भी अधिक कि आबादी प्रभावित हो रही है। गर्मी के मौसम में नदी में पानी कम होने के कारण लोगों को जान की खतरा नहीं रहता है। लेकिन बरसात के मौसम में पानी अधिक होने के कारण बिजली के पोल का पुल पार करते समय लोगों को डर बना रहता है। बच्चे बुजुर्ग तथा महिला अकेले पार नहीं करते हैं। साइकिल और मोटरसाइकिल पर पार करने वाले लोग तो जान जोखिम में डालकर पार करते हैं।
वहीं ग्रामीण कन्हैया कुमार ने बताया कि पहले ग्रामीणों के सहयोग से तीन पुल के बम्मा को रखकर मिट्टी भरकर आना-जाना हुआ करता था। ट्रैक्टर ट्रॉली और फोर व्हीलर गाड़ी भी इस रास्ते से निकलता था। लेकिन बारिश के बाद वह भी बह गया जिससे अब आने जाने में काफी परेशानी होता है। अब बिजली के पोल के सहारे ही ग्रामीण को नदी पार करना पड़ता है। कई बार स्थानीय विधायक विनय बिहारी को भी इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा बताया गया है। लेकिन आज तक किसी ने नहीं सुना जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होता है। और ग्रामीणों को आने जाने के लिए मात्र एक बिजली का पोल ही सहारा है। वही ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं रहने की वजह से ग्रामीणों को 3 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद कोईलही घाट पर बने पिपराही पुल से होकर आना-जाना करना पड़ता है। अगर यह पुल बन जाता है तो ग्रामीणों को आने जाने में काफी सहूलियत होता इसके लिए कई बार ग्रामीणों द्वारा योगापट्टी प्रखंड और स्थानीय विधायक के पास पुल बनवाने के लिए गुहार भी लगाई गई है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.