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जिस पुलिस पर शराबबंदी कानून को लागू करवाने का जिम्मा है, खुद उनके ही शराब पीने के मामले सामने आते रहे हैं। ताजा मामला बैरगाछी ओपी से जुड़ा है। आरोप है कि यहां के तीन पुलिसकर्मियों के शराब पीने की सूचना मिली। जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई और कुछ ही देर बाद रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई और जीरो लिख दिया गया। बताया जा रहा है कि बैरगाछी ओपी से जुड़े तीन वर्दीधारी एएसआई चिरंजीवी पांडेय, चौकीदार रूपेश कुमार पासवान और रामानंद ततमा के शराब के नशे में होने की सूचना किसी ने जिले के वरीय पदाधिकारी को दी। इसके बाद एसपी हृदयकांत के निर्देश पर एसआई मशरुर आलम तीनों का मेडिकल जांच कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। तीनों वर्दीधारी की मेडिकल जांच की गई। सदर अस्पताल के रजिस्टर में पहले जांच में शराब पीने पुष्टि की गई, लेकिन जांच के कुछ ही देर बाद जांच रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर दी गई ताकि शराब पीने की पुष्टि नहीं हो सके। इसके जांच रिपोर्ट में जीरो लिख दिया गया। कुछ देर बाद ही जांच रिपोर्ट में बदलाव कैसे हो गया, यह तो जांच का विषय है। इस मामले में अब कोई भी कुछ कहने से परहेज कर रहा है।
शराब तस्कर को संरक्षण देने के आरोप में निलंबित हो चुके हैं पुलिसकर्मी
अस्पताल सूत्रों की माने तो विभाग की बदनामी व तीनों की नौकरी जाने के डर से आनन-फानन में किसी बड़े अधिकारी के दबाव में रिपोर्ट में छेड़छाड़ की गई। अब ये तो जांच का विषय है, लेकिन अस्पताल के रिपोर्ट में हेराफेरी की चर्चा अक्सर होती रहती है। विदित हो कि जिले के कई पुलिसकर्मी पर शराब तस्कर व शराब बेचने वाले को संरक्षण देने के आरोप में निलंबित हो चुके हैं। वहीं आरएस थाने के एक पुलिस पदाधिकारी जेल भी जा चुके हैं। वहीं नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष भी जांच दायरे में आये थे।
मशीन में रिपोर्ट आगे-पीछे हो रही थी, इसलिए जीरो लिखा,यूरीन व ब्लड सैंपल लेने को लिखा था
रात के करीब साढ़े आठ बजे जांच तीनों वर्दीधारियों को अस्पताल लाया गया था। मशीन से जांच की गई तो रिपोर्ट आगे पीछे हो रहा था। इसके कारण रिपोर्ट को जीरो किया गया। इसके बाद प्रिसकैप्शन में यूरीन और ब्लड सैंपल लेने के लिए लिखा था। इसके बाद उनकी ड्यूटी समाप्त हो गई थी। शराब का डोज लेने वाले पर भी निर्भर करता है। यदि अधिक डोज लिया गया है तो उसका असर 12 घंटे तक रहेगा। -डॉ. बीके मिश्रा, जांच करने वाले डॉक्टर
पुलिसकर्मी का यूरीन और ब्लड का सैंपल लिया गया
सदर अस्पताल में तीन वर्दीधारी की जांच 30 जनवरी को देर शाम कराई गई थी। रिपोर्ट में ओवर राइटिंग है। किस कारण से ओवरराइटिंग हुई। इसकी जांच कराई जाएगी। हालांकि आरोपित वर्दीधारी का यूरीन और ब्लड का सैंपल लिया गया है।
डॉ. राजेश कुमार, अधीक्षक, सदर अस्पताल अररिया
इन वर्दीधािरयों की हुई जांच
1. चिरंजीवी पांडे, एएसआई, बैरगाछी ओपी 2. रूपेश कुमार पासवान, चौकीदार, बैरगाछी ओपी 3.रामानंद ततमा, चौकीदार, बैरगाछी ओपी
शराब पीने पर खून में 12 घंटे तक रहता है असर
डॉ. उमर अकबर ने बताया कि शराब पीये हुए व्यक्ति के ब्लड में 12 घंटे तक असर रहता है। यूरीन में 3 से 5 दिन तक जांच में असर मिल सकता है। वहीं अगर सांस की बात करें तो अल्कोहल पीए व्यक्ति में 24 घण्टे तक असर रहता है।
दोषी के विरुद्ध होगी कार्रवाई
मामले की जांच कराई जाएगी। तीनों की मेडिकल जांच कराने का निर्देश मैंने ही दिया था। रजिस्टर में छेड़छाड़ की जानकारी इकट्ठा कराई जाएगी। यदि छेड़छाड़ होने की बात सामने आएगी तो दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हृदयकांत, एसपी
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