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जिले के कृषि विभाग में 11 साल पहले हुए घोटाले की खबर मीडिया में आते ही जिला कृषि कार्यालय में हड़कंप मच गया। इस मामले में पटना में बैठे कृषि विभाग के बड़े अधिकारी भी रुचि लेने लगे हैं। 10 जनवरी को दैनिक भास्कर में घोटाले से संबंधित खबर प्रकाशित होते ही घोटाले का आरोप झेलने वाले कर्मी और पटना के अधिकारी की तरफ से अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को धमकियां दी जाने लगी। यह स्वीकारोक्ति खुद अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने भी किया है। जानकारी देने वाले अधिकारी को आरोपी संतोष प्रकाश की तरफ से धमकियां मिलने लगी। खबर छपने से रोकने के लिए भी दवाब बनाया जाने लगा। यहां तक की पटना से डीप्टी डयरेक्टर सूचना मनोज कुमार ने भी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार को फोन कर शब्दों शब्दो मे ही धमका दिया और देख लेने जैसे शब्द का प्रयोग किया। यही नहीं घोटाले का आरोप झेलने वाले कृषि विभाग के कर्मी और क्षेत्र सहायक संतोष प्रकाश ने भी फोन कर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को कड़े शब्दों में से बात की है। संतोष प्रकाश ने यह भी कहा कि दबी हुई फाइल को आपने क्यों सार्वजनिक किया यह नियम के विरुद्ध है। सूचना विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार पहले अररिया में डीएओ थे। वर्तमान में पटना में पद सथापित है। आरोपी संतोष प्रकाश अनुमंडल कृषि कार्यालय में क्षेत्र सहायक के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व डीएओ मनोज कुमार आरोपी के बहुत करीबी माने जाते हैं। कुछ दिन पहले पूर्व डीएओ सह डिप्टी डायरेक्टर सूचना विभाग अररिया आए थे तो संतोष कुमार के साथ बाइक पर घूमते नजर आए थे। संतोष कुमार ने पूर्व डीएओ का खूब खिदमतदारी भी किया था।
11 साल पहले हुई थी अवैध निकासी
वर्ष 2009-10 मे अनुमंडल कृषि कार्यालय के सरकारी खजाना से 5.72 लाख रुपये निकासी हुई थी। बताया गया कि यह राशि क्षेत्र सहायक संतोष प्रकाश ने निकासी कर हजम कर लिया। बीते 11 वर्ष के दौरान पूर्व में कितने डीएओ व एएओ आए और गए। किसी ने भी पहुंच व पैरवी के कारण आरोपी पर कार्रवाई नहीं की। वर्तमान एएसओ राम कुमार ने अभिलेखों काे खंगाला तो घोटाला उजागर हुआ। इसके बाद उन्होंने विभाग को रिपोर्ट किया।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार पूछ रहे थे थाने का पता
इस संवाददाता से अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने बताया कि ऊपर से और आरोपित की तरफ से धमकियां मिल रही है। यहां तक की डिप्टी डायरेक्टर सूचना विभाग ने फोन से देख लेने तक बात कही है। बताया कि यहां के लिए वह नए हैं। उनके मन में इतना भय हो गया कि वह नजदीकी थाना का पता पूछने लगे। उन्होंने पूछा कि जिला कृषि कार्यालय से थाना की दूरी कितनी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उसे किसी का डर नहीं है। अपनी नौकरी की भी परवाह नहीं है। ईमानदरी से काम करते रहेंगे। राशि जमा नहीं किया गया तो आरोपी के विरुद्ध थाना में केस दर्ज कराया जाएगा।
तीन साल से कार्यालय नहीं आए आरोपी क्षेत्र सहायक संतोष कुमार
अनमंडल कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र सहायक संतोष कुमार पिछले तीन साल से कार्यालय से अनुपस्थित है। बिना किसी सूचना के गायब हैं। अनुमंडल कार्यालय में कर्मी की कमी है। जिससे काम बाधित होता है।
एसएओ को मिला प्राथिमकी दर्ज कराने का आदेश
बीते चार जनवारी को पटना में विभागीय समीक्षा बैठक हुई थी। जिसमें राशि रिकवरी नहीं होने पर कृषि विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई थी। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार को आरोपी संतोष कुमार के विरुद्ध थाना में केस दर्ज कराने का आदेश दिया गया था। इसके बाद भी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने आरोपित को आखिरी मौका देते हुए सरकारी राशि लौटाने को कहा। बावजूद अभीतक राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं हुआ है।
हमेशा सुर्खियों में रहा कृषि विभाग
जिला कृषि कार्यालय हमेशा से सुर्खियों में रहा है। पूर्व डीएओ मनोज कुमार द्वारा चौकीदार से उठक बैठक कराने के मामले से लेकर यांत्रिकरण घोटाला मीडिया में सुर्खियों में रहा था। तीन साल पहले जिला कृषि कार्यालय में करोड़ों का कृषि यंत्र का घोटाला हुआ था। जिसमें तत्कालीन डीएम के आदेश पर आधा दर्जन आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
केस दर्ज करने के पहले एक मौका दिया जाएगा
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने बताया कि विभाग से क्षेत्र सहायक संतोष कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश मिला है। बावजूद उसे एक मौका दिया गया है। सरकारी खजाने में राशि जमा नहीं हुई तो थाना में केस दर्ज कराया जाएगा।
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