रोजा हर मुसलमान आकिल बालिग पर फर्ज है। माह- ए- रमजान में चांद नजर आते ही पूरी दुनिया का रंग बदलने लगता है और रहमतों की बारिश होने लगती है। ऐसे माहौल में बच्चे कहां पीछे रह सकते हैं। वह भी बड़ों की तरह रोजा रखते हैं। यहां बता दें कि रविवार को 38 डिग्री तापमान में बड़े तो बड़े, बच्चे भी अल्लाह के इस रहमत को पाने में पीछे नहीं हटे।
ये बच्चे हौसले का मुजाहिरा पेश करते हुए रोजा रखकर घर के सारे बड़े लोगों के साथ सेहरी व इफ्तार में शरीक हुए। पूरे रमजान माह में आसपास के जवान लोग भी इस बच्चे के हौसले के कायल हैं। जब से रोजा शुरू हुआ तब से डंडखोरा प्रखंड के हाजी टोला के मो. जावेद अली के छह साल का पुत्र अहमद रजा ने रोजा रखा और 5 वक्त का नमाज भी पढ़ा। रविवार को रमजान के अंतिम रोजे में उसने अल्लाह ताला से गुनाह की माफी के साथ मुल्क से कोरोना वायरस की निजात के लिए दुआ मांगी।
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