कटिहार में नागर नदी के जल स्तर में वृद्धि हो जाने से बाहिन घाट पर बनी चचड़ी पुल बह गई है। उसके बाद भी लोग किसी तरह नदी पार कर रहे हैं। चाहे नदी पार करने में रेल पुल का ही सहारा क्यों ना लेना पड़े। रेल पुल के निकट ही नदी घाट है, आम दिनों में चचरी पुल और बरसात के दिनों में नाव के सहारे लोग नदी पार करते हैं। इसी क्रम में एक बाइक चालक बंगाल की ओर से बिहार आ रही थी। इसी दौरान नदी के घाट पर बने रेल पुल पर बाइक चढ़ाकर नदी पार कर रहा था।
बाइक चालक ने जब सामने से तेज रफ्तार से आती एक्सप्रेस ट्रेन को देखा तो डर के मारे बाइक को पुल के ऊपर छोड़ कर नदी में छलांग लगा दी। युवक को तैरना आता था इसलिए तैर कर उसने अपनी जान बचा ली। उधर, दूर से ही ट्रेन के चालक ने ये वाकया देख लिया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक का प्रयोग किया और बाइक के पास आते-आते ब्रेक लगा दी।
इस बीच बाइक रेल इंजन के चक्कों में जा फंसी थी, जिसे स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया। रास्ता साफ होने के बाद ही ट्रेन राधिकापुर की ओर गई। बरसात के मौसम में नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो जाने के चलते सारे चचरी पुल ध्वस्त हो गए हैं और वर्तमान समय में नाव वगैरह की वैकल्पिक व्यवस्था नदी घाटों में नहीं हो पाई है।
इसी क्रम में लोगों को नदी पार करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ एक युवक की लापरवाही से हजारों जिंदगी संकट में पड़ गई थी, लेकिन चालक की सूझबूझ ने बड़ी दुर्घटना को घटने से बच गई।
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