पिछले एक साल में घरेलू गैस सिलेंडर की रिफिलिंग का चार्ज 241 रुपया बढ़ गया है। अब 14.2 किलो का सिलेंडर 924 रुपया में खरीदना पड़ रहा है। जिसमें सब्सिडी के 67. 40 रुपया घटा देने पर 856. 60 रुपया जेब से देना पड़ रहा है। 1 साल पहले सिलेंडर 618. 60 रुपया में आ रहा था यानी खरीद रहे थे 683 रुपया में लेकिन सब्सिडी के 64. 40 रुपया खाते में आ रहे थे। जिले में लगभग 5 लाख से अधिक गैस कनेक्शन है। इसमें करीब दो लाख तो उज्जवल योजना कनेक्शन है।
उज्जवल कनेक्शन वालों को लॉकडाउन में मुफ्त गैस दी गई लेकिन सामान्य कनेक्शन धारियों को पिछले साल ही नहीं इस बार भी लॉकडाउन में अधिक कीमत चुकानी पड़ी यानी कोरोना में भी लोगों को अधिक कीमत पर सिलेंडर खरीदना पड़ रहा है। बीते माह यानी जून में घरेलू सिलेंडर 898 रुपया में मिल रहा था। जबकि इसमें बढ़कर 924 रुपया हो गए हैं।
हालांकि इसमें सब्सिडी के 67. 40 रुपया शामिल है। लेकिन अधिकांश लोग बजट से बाहर है। ऐसा इसलिए कि एक तो करोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों का काम बंद रहा। वही काफी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गई। घरों में खाने-पीने की दिक्कत हो गई। ऐसे में घरेलू गैस के दाम बढ़ने से लोगों को और मुश्किल हो रही है।
कोरोनाकाल में ऐसे ही लोगों को परेशानी, ऊपर से महंगाई
शहर के शोभा वर्मा, अनिता देवी, विश्वजीत कुमार, कुमार गौरव, मुकेश कुमार, श्रीकांत साह सहित अन्य ने कहा कि कोरोना ने पहले ही जेब ढीली की हुई है। बावजूद गैस सिलेंडर के महंगे होने से घर का पूरा बजट इधर उधर हो गया है। बहुत जरूरी चीज है। सरकार को पुनः विचार करनी चाहिए।
कॉमर्शियल सिलेंडर पर 437 रुपए का इजाफा
कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम भी 437 रुपया बढ़ गए। वर्तमान में कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 1744 रुपए हैं जबकि पिछले साल यानी जुलाई 2020 में यह 1307 रुपया था। कमर्शियल सिलेंडर 19 किलो का होता है। इसका उपयोग होटल रेस्टोरेंट वाले करते है।
कालाबाजारी में भी इजाफा
कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ने का असर कालाबाजारी पर पड़ता है, अभी वही हो रहा है। होटल रेस्टोरेंट वालों को भी खरीदना महंगा पड़ रहा है क्योंकि पिछले माह की तुलना में कीमत बढ़ गई है। शहर में घरेलू गैस की कालाबाजारी अचानक बढ़ गई है।
हर महीने गैस रीफिलिंग कराना हो रहा मुश्किल
पहले कोरोना की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा और अब गैस के बड़े दामों की महंगाई ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया है। कोरोना के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियां हुई। तबीयत खराब होने से जमा पैसे अस्पतालों में खर्च हो गए। गैस के दाम बढ़ने से उनकी जेब पर विपरीत असर पड़ रहा है। ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है। जो हर माह गैस की रिफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं। व्यवसायी वर्ग भी इसको लेकर दिक्कत में है।
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