सुविधा उपलब्ध:प्रसव की परेशानी कम करने के लिए एएनसी जरूरी : डाॅ. राजीव

खगड़िया2 वर्ष पहले
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मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव के साथ-साथ जिले में प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा देना भी है। मानसी पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डाॅ. राजीव रंजन कुमार ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है।

एक महिला के लिए स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के साथ ही जरूरी है कि वह भी स्वस्थ रहे। ऐसी स्थिति में मां की सही समय पर प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है जिससे मां व बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और समय रहते दोनों की जान बचाई जा सके। इसलिये जांच के बाद चिह्नित एनीमिक महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड की दवा दी जाती है और उन्हें हरी साग- सब्जी, दूध, सोयाबीन, फल, भूना हुआ चना एवं गुड़ खाने की सलाह दी जाती। साथ ही, गर्भावस्था के आखिरी दिनों में कम से कम चार बार खाना खाने को कहा गया। जिससे उनके साथ उनके गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ्य बेहतर और मजबूत हो सके। विभिन्न जांचों से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों को चिह्नित किया जाता सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह प्रयासी ने बताया कि प्रसव पूर्व जांचों को कराना इसलिए भी जरूरी है ताकि समय से पता चल सके कि मां और बच्चे कितने स्वस्थ हैं। प्रसव पूर्व होने वाली जांचों से गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिम को पहचानने, गर्भावस्था के दौरान रोगों की पहचान करने और उसकी रोकथाम करने में आसानी होती है। इन जांचों से हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों को चिह्नित किया जाता है, फिर उनकी उचित देखभाल की जाती है। प्रसव पूर्व जांचों में मुख्यतः खून, रक्तचाप और एचआईवी की जांच की जाती है।