खगड़िया में पिता के सपने को पूरा करने के लिए एक बेटी ने मुखिया का चुनाव लड़ा और जीती। 22 साल की आकांक्षा के पिता की जब हत्या हुई तो वो मुखिया थे, आकांक्षा दिल्ली में बीपीएससी की तैयारी कर रही थी। पिता की मौत के बाद अपनी तैयारी छोड़कर वो चुनाव में कूद गई।
आकांक्षा ने खगड़िया जिले के मेघौना पंचायत से 2,806 वोट से जीत दर्ज की है। उनके पिता भाकपा नेता जगदीश चन्द्र बसु 4 बार मुखिया रहे थे। अपराधियों ने पिछले साल उनकी हत्या कर दी थी। उनके पिता को जब बदमाशों ने गोली मारी उस वक्त वो लोगों से ही बात कर रहे थे।
सरकारी अफसर बनना चाहती थी
4 बहन और एक भाई में आकांक्षा सबसे बड़ी है। वो सरकारी अफसर बनना चाहती थी। पिता की मौत के बाद आकांक्षा ने ही पूरे परिवार को संभाला। मुखिया बनने के लिए पंचायत चुनाव से पहले ही तैयारी शुरू कर दी।
जमकर किया था चुनाव प्रचार
पंचायत चुनाव से पहले ही वह हर गांव का दौरा कर रही थी। लोगों से पिता की हत्या और पंचायत के विकास के लिए उनके पिता के सपने के बारे में बताया। पंचायत चुनाव आने पर वह मुखिया पद के लिए चुनावी मैदान में कूद पड़ी। पिता के नक्शे कदम पर चलते ही पंचायत चुनाव में जीत हासिल कर ली।
पिता के काम को आगे बढ़ना है
आकांक्षा बसु ने बताया कि उन्हें ये जीत उनके पिता के अच्छे काम की वजह से ही मिली है। वह अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चलना चाहती हैं। आकांक्षा कहती हैं कि वे पंचायत चुनाव में लोगों की परेशानी को देख उतरी थी। अब लोगों ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरा करना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता होगी।
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