पटना से खगड़िया पहुंची निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने पहले गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. SC सुमन को उसके आवास पर से 50 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय के हेड क्लर्क राजेन्द्र सिन्हा को उसके आवास से 30 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई को निगरानी की टीम ने दोनों के कार्यालय कक्ष में ही छापेमारी कर अंजाम दिया। निगरानी की टीम ने गोगरी रेफरल अस्पताल की परिचारिका रूबी देवी की शिकायत पर यह कार्रवाई की।
मुख्यालय के आदेश पर कार्रवाई
इसके बाद ही मुख्यालय के आदेश पर आरोपों की जांच और पूरे मामले की पड़ताल के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई। टीम को लीड करने की जिम्मेवारी DSP सर्वेश कुमार सिंह को दी गई, जिसके बाद बुधवार को यह टीम खगड़िया पहुंची। पहले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और फिर सिविल सर्जन कार्यालय में पूरा जाल बिछाकर कार्रवाई की।
वेतन देने के लिए 50000 रिश्वत की मांग
निगरानी के DSP सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि गोगरी रेफरल अस्पताल की परिचारिका रूबी देवी का वेतन पिछले 6 महीने से रुका था। जब वह वेतन की मांग करने गई तो रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. SC सुमन और प्रधान लिपिक राजेंद्र सिन्हा ने 50000 रिश्वत की मांग की। रूबी कुमारी का अगस्त 2020 से फरवरी 2021 तक का वेतन किसी कारण रुका है। इसके बाद रूबी देवी ने निगरानी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद निगरानी द्वारा आरोप सत्यापन करवाने पर शिकायत सही पाई गई। इसके बाद धावा दल का गठन किया गया।
निगरानी की टीम ने दोनों के आवास पर की छापेमारी
बुधवार को निगरानी की दो अलग-अगल टीम ने पहले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आवास पर छापेमारी की। इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय के हेड क्लर्क के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर पहुंची। जैसे ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और हेड क्लर्क ने रुपया लिया वैसे ही धावा दल ने दोनों को दबोच लिया।
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