चक्रवाती तूफान यास ने जिले के किसानों की खेतीबाड़ी चाैपट कर दी। तेज हवा के साथ लगातार चार दिनाें से हाे रही बारिश की वहज से जहां सब्जी की फसलाें काे नुकसान पहुंचाया वहीं मक्के की तैयार अाैर लगी फसल काे व्यापक हानि पहुंचाई। लगातार बारिश से परवल, कद्दू, पराेल, खीरा, तरबूजा, कदीमा, भिंडी, साग अादि के लत काे नुकसान पहुंचाया है। सब्जियों के लत जलजमाव से पीले पड़ने लगे हैं। सब्जियों में लगी फूल और बतिया पानी से गल गया है। जिससे किसान चिंतित हैं। सब्जी की फसल खराब होने की वजह से इसके दामों में भारी उछाल आया है। जिले के चार प्रखंड परबत्ता में 16 एकड़, चौथम में 10 एकड़, मानसी में 16 व सदर प्रखंड में लगी 8 एकड़ की हरी सब्जियों की खेती को नुकसान हो गई। पहले सब्जियों के कम कीमत से परेशान किसान अब सब्जियों के खराब होने की मार झेल रहे हैं। बेमौसम बारिश व आंधी से कई सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने बताया कि इस बार सब्जियों की पैदावार अच्छी थी। सब्जियों के पौधे में अच्छे फूल दिख रहे थे जिससे किसान खुश थे लेकिन आंधी और बारिश ने सबको नष्ट कर दिया। इसी बीच लॉकडाउन की मार और बारिश ने किसानों की आर्थिक कमर तोड़ दी है। किसानों को अब महाजन से लिए गए कर्ज चुकाने की चिंता सताने लगी है। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश होने से खेतों में पानी जमा हो जाने पर हरी सब्जी के पौधों को नुकसान पहुंचा है। फूल के झड़ जाने से सब्जियों के उत्पादन में फलन काफी कम हो गया है। साथ ही मक्का उपज करने वाले किसानों को ही काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। मक्का की फसल आंधी जमीन पकड़ लिया है, वहीं खलिहान में रखे भुट्टा व दाना अंकुरित होने लगे हैं।
लॉकडाउन में परदेस से आए और ऋण लेकर की खेती, बारिश से हुई नष्ट
कोरोना को लेकर लॉकडाउन लगाया गया जिससे परदेश काम करने वाले गांव आ गए। परिवार को चलाने के लिए इस बार ऋण लेकर बड़े पैमाने पर खेती की। लेकिन पानी लगने के कारण बैंगन के पौधा सूख गए जबकि परबल के फूल झड़ गए। बारिश की वजह से टमाटर, भिंडी,नेनुआ, झींगी की खेती लगभग चौपट हो गई। बारिश से सब्जी के साथ पौधों में भी कीड़ा लग गए हैं। खेतों में पानी जम जाने से पौधे गलने लगे हैं। किसानों ने बताया कि अब बारिश हुई तो किसानों का लागत ही वापस आना मुश्किल हो जाएगा।
खेतीबाड़ी चौपट: तूफान और बारिश से लत गला
दूसर से ठीका लेकर खेत में सब्जी लगाए हैं, कर्ज लेकर खेत मालिक के 20 हजार रुपए प्रति बीघा रुपए चुका भी दिए हैं। आशा था कि इस बार अच्छी फसल होगी, लेकिन तूफान और बारिश ने कहीं का नहीं छोड़ा।
- बिको मंडल, सब्जी उत्पादक, मानसी
बारिश से अंकुरित होने लगा है तैयार मक्का
मक्का के तैयार फसल को खलिहान में चार दिनों से ढंककर रखे हैं। आधे से आधिक फसल खेतों में ही लगा है। आंधी बारिश के कारण खेतों में रखे फसल जमीन पकड़ लिए। व खलिहानों तैयार फसल अंकुरित होने लगे हैं।
पृथ्वी चंद्र सिंह, प्रखंड अध्यक्ष जदयू
मिर्ची, बैंगन, झिंगी, कद्दू और नेनुआ भी हुआ बर्बाद
मैंने मिर्ची, बैंगन, झिंगी, नेनुआ व कद्दू का खेती किया। आंधी व बारिश ने सब्जियों के फूल को ही झाड़ दिया। इससे काफी नुकसान हुई। अब इससे उपज का उम्मीद नहीं की जा सकती है, अब सरकार ही किसानों की जान बचा सकते हैं।
- शशिकांत मंडल, थेभाय परबत्ता
क्षति का आकलन हो रहा आवेदन दे सकते हैं लोग
क्षति के आकलन के लिए टीम लगाई जाएगी। जिन किसानों का नुकासान हुआ होगा उन्हें उचित मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। क्षति को लेकर किसान कृषि सलाहकार से जानकारी लेकर आवेदन भी कर सकते हैं।
- मुकेश कुमार, डीएओ, खगड़िया
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