खगड़िया जिले के मानसी प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार है। यहां मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं न के बराबर है। अस्पताल का एंबुलेंस पिछले छह माह से जर्जर हालत में है। वहीं अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी चलती है। जबकि 24 नर्स की जगह यहां सिर्फ 10 नर्स की ड्यूटी लगाई गई है।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सारी सुविधा होने का दावा तो करता है लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल इतर है। मानसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वार्ड की हालत भी जर्जर है। जहां की दीवार से सीमेंट झड़ रहे हैं। जबकि ओपीडी सेवा में डॉक्टर ड्यूटी से गायब रहते हैं।
बोतल बंद पानी के भरोसे मरीज
पीएचसी में इलाज के लिए आने वाले मरीज इस गर्मी में प्यासे रह रहे हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक है वे बोतल बंद पानी के भरोसे हैं। अस्पताल में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मी ने बताया कि चिकित्सक यहां अपने लिए बीस लीटर पानी खरीदकर रखते हैं। जबकि आम लोग इसके लिए भटक रहे हैं। ऐसे में मरीजों को पानी के लिए काफी जद्दोजहद झेलनी पड़ रही है।
6 माह से एंबुलेंस खराब
गौरतलब है कि मानसी पीएचसी में एंबुलेंस सेवा पिछले छह माह से बंद है। बताया जा रहा है कि उक्त एंबुलेंस जर्जर हालात में है। जिसको रिपेअर करने की जरूरत भी स्वास्थ्य विभाग नहीं समझ रहा है। पीएचसी के प्रभारी डॉ राजीव रंजन कुमार ने बताया कि एंबुलेंस के लिए खगड़िया विभाग में पत्र भेजा गया है। जल्द ही पीएचसी में सारी सुविधा बहाल कर दी जाएगी।
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