दुखद:देवठा चौक के समीप एनएच-31 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार 2 फुफेरे भाइयों की मौत

खगड़िया2 वर्ष पहले
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बुधवार को सदर अस्पताल में रोते-बिलखते नजरूल के परिजन व मौके पर जुटी ग्रामीणों की भीड़। - Dainik Bhaskar
बुधवार को सदर अस्पताल में रोते-बिलखते नजरूल के परिजन व मौके पर जुटी ग्रामीणों की भीड़।
  • दोनों भाई 14 जुलाई को ही जाने वाले थे गुजरात, बकरीद को ले टिकट कराया था कैंसिल

अज्ञात वाहन की टक्कर में बाइक सवार दो युवक की मौत हो गई। घटना पसराहा के देवठा चौक के समीप एनएच-31 पर बीते मंगलवार की है। रिश्ते में दोनों फुफेरा भाई था। बेलदौर के सुखाय बासा निवासी 36 वर्षीय मो. जमीर पिता स्व मोइनउद्दीन अपने फुफेरे भाई गोपालपुर पचगछिया निवासी 19 वर्षीय मो. नजरूल को उनके घर पहुंचाने के लिए जा रहा था। जहां रास्ते में हादसा हो गया। घटना के बाद लोगों ने जल्दबाजी में पुलिस की मदद से दोनों सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां से मो. जमीर को गंभीर हालत में भागलपुर रेफरकर दिया।

वहीं मो. नजरूल को परिजनों ने बेगूसराय ले जाना चाहे। लेकिन दोनों की रास्ते में ही मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि मृतक नजरुल अपने घर का इकलौता चिराग था। जबकि दूसरा अपनी पत्नी सहित तीन संतान छोड़ गए। इन परिवार को कमाकर खिलाने वाला छिन गया। मृतक समीर अपने पीछे पत्नी दो बेटे एवं एक बेटी को छोड़कर दुनिया से अलविदा हो गए। मृतक समीर और मृतक नजरुल दोनों गुजरात में रहकर फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण में काम करता था। दोनों भाई बुधवार को गुजरात के लिए रवाना होने वाला था, लेकिन बकरीद पर्व के नजदीक होते देखकर टिकट को कैंसिल करा लिया था। लेकिन बकरीद से पहले ही हादसा हो गया।

बुधवार की सुबह 10 बजे तकनहीं हुआ था शव का पोष्टमार्टम
दोनों की मौत के बाद परिजनों ने देर रात शव लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन पूरी रात अस्पताल परिसर में शव पड़ा रहा। बुधवार सुबह 10 बजे तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। सुबह तक पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण सुखाय बासा के ग्रामीणों की भीड़ सदर अस्पताल में जमा हो गई। प्रशासन के इस लचीले रवैये के कारण लोग आक्रोशित हो गए और सड़क जाम करने का निर्णय ले लिया। ग्रामीण पोस्टमार्टम भी कराने को तैयार नहीं हो रहे थे। सदर एसडीओ धर्मेंद्र कुमार ने समझा बुझाकर शांत कराया और मुआवजे दिलाने का भरोसा दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए चुकाने पड़े ~1 हजार

मो. जमीर के भाई मो. समीर ने ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनके पिता का पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए सदर अस्पताल के करीब दो महीने तक चक्कर लगाए। जब तक कि कर्मी को एक हजार रुपए नहीं दे दिए। इस वजह से उनके पिता के मृत्यु का मुआवजा भी अभी तक नहीं मिल पाया है। एक साथ दो लड़कों की मौत की सूचना जैसे ही सुखया बासा के ग्रामीणों को सुबह मिली कि करीब तीन ट्रैक्टर पर लोग सदर अस्पताल पहुंच गए।

परिजनों को नहीं मिला मुआवजा
सुखाय बासा के ग्रामीणों ने बताया दो माह पूर्व ही उसके पिता की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गई थी। उनके मृत्यु का भी अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। अब बेटे मौत के बाद कौन मुआवजे के लिए लड़ेगा। अधिकारियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।