पीरी बाजार थाना क्षेत्र से नक्सली होने के आरोप में गिरफ्तार बटोरन कोड़ा की सात अप्रैल 2016 को हिरासत में हुई मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग ने उनके परिजन को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश पारित किया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पारित आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को बटोरन कोड़ा की पत्नी छेदनी देवी अपने पुत्र और राजस्व कर्मचारी के साथ चेक लेने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, लेकिन कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
आयोग ने डीएम को मृतक के निकटतम परिजन की पहचान कर चेक सौंपने का निर्देश दिया है। उसकी मौत पुलिस हिरासत में सात अप्रैल की रात हो गई थी। गिरफ्तार की मौत के बाद एसपी अशोक कुमार ने इसके पीछे उसका बीमार रहना और शराब नहीं मिलना कारण बताया था। वहीं न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने शव के परीक्षण के क्रम में बटोरन के शरीर पर चोट के निशान की ओर इशारा किया था।
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