यास चक्रवाती तूफान के प्रभाव के कारण विगत 26 से 29 मई के बीच लगातार चार दिन बारिश हुई। इसके कारण गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जबकि अभी भी जलस्तर में बढ़ोतरी के जारी रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है। विदित हो कि विगत 48 घंटे के दौरान गंगा के जलस्तर में 36 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस प्रकार जलस्तर बढ़कर 30.24 मीटर से बढ़कर 30.60 मीटर तक पहुंच गया है। इसके कारण गंगा के बीच में निकल आए रेत के टीले एक बार फिर से पानी में विलीन हो गए है। वहीं जलस्तर बढ़ने से कुछ स्थानों पर कटाव की भी स्थिति देखी जा रही है। इधर जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही गंगा के पानी में बड़ी मात्रा में जलीय पौधा जलकुंभी भी बहता आ रहा है। इधर लगातार हो रही बारिश से सब्जियों के उत्पादन पर इसका बुरा असर हुआ है। खासकर परवल, करेला, नेनुआ आदि को काफी नुकसान पहुंचा है। क्योंकि बारिश के कारण या तो इसके फूल झड़ गए हैं अथवा इसमें गलका रोग लग गया है। वहीं दूसरी ओर बारिश तथा आंधी का प्रभाव लीची एवं आम पर भी पड़ा है। बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन अभी से तैयारियाें में जुट गया है। रविवार को भागलपुर से एसडीआरएफ की 6 सदस्यीय टीम मुंगेर पहुंची। जिसने लाइफ बोट, ओबीएम (ऑउट बोट मशीन), लाइफ जैकेट और लाइफ ब्वॉय सहित अन्य सामनों का जायजा लिया। इस टीम का नेतृत्व भागलपुर, बांका, मुंगेर, शेखपुरा और लखीसराय जिले के एसडीआरएफ इंस्पेक्टर गणेशजी ओझा कर रहे थे।
दौरा कर एसडीआरएफ की टीम ने लिया जायजा
डीएम रचना पाटिल ने बाढ़ की तैयारियों को लेकर भागलपुर डीएम को पत्र भेजा था। जिसमें डीएम ने संभावित बाढ़ को देखते हुए राहत एवं बचाव दल द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों के जांच की आवश्यकता पर बल दिया था। इसको लेकर रविवार को एसडीआरएफ की टीम मुंगेर पहुंची। एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर गणेशजी ओझा ने बताया कि जिले में 4 लाइफ बोट, 4 ओबीएम, 150 लाइफ जैकेट और 8 लाइफ ब्वॉय है। जिसमें से कुछ ओबीएम के मरम्मत की होनी है।
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