मुंगेर विश्वविद्यालय के आय-व्यय का जल्द ऑडिट हो सकता है। क्योंकि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने महालेखाकार बिहार को विश्वविद्यालयों के ऑडिट कराने का आग्रह किया था। जिससे संबंधित पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को मिल चुका है। इससे विश्वविद्यालय के ऑडिट की संभावना प्रबल हो गई है। अपर मुख्य सचिव ने एजी को भेजे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन भुगतान/सेवानिवृत शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवांत लाभ के भुगतान/आउटसोर्सिंग से नियुक्त किए गए कर्मियों के मानदेय भुगतान/अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान के लिए स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के तहत सहायक अनुदान स्वीकृत करती है। इसके साथ ही राज्य के विश्वविद्यालयों/अंगीभूत कालेजों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए योजना मद से सहायक अनुदान की राशि स्वीकृत करती है। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई राशि के अतिरिक्त सभी विश्वविद्यालय के पास आंतरिक स्त्रोत से प्राप्त होने वाली राशि/संसाधन भी उपलब्ध होता है। राज्य सरकार द्वारा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय अंतर्गत स्वीकृत की गई राशि से विवि द्वारा नियमित कर्मियों के वेतन भुगतान एवं सेवानिवृत कर्मियों के सेवांत लाभ भुगतान के अतिरिक्त अतिथि शिक्षकों के भुगतान किए जाते हैं एवं आउटसोर्सिंग मद में भी इसका उपयोग किया जाता है।
इन मदों पर खर्च का होना है ऑडिट
विकासात्मक कार्य, जिसमें आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ विश्वविद्यालय में आईअी संबंधित कार्य भी शामिल है। विद्युत विपत्र, टेलिफोन बिल, होल्डिंग टैक्स, वाहनों पर व्यय एवं आकस्मिक कार्यालय व्यय, पुस्कालय में पुस्तकों का क्रय एवं प्रयोगशालाओं में उपकरणों एवं कंप्यूटरों आदि का क्रय, विश्वविद्यालय के सुरक्षा/सफाई आदि हेतु आउटसोर्सिंग मद में भुगतान, परीक्षा हेतु पुस्तिकाओं का क्रय/छपाई तथा प्रश्न पत्रों की छपाई एवं परीक्षा संबंधी अन्य व्यय तथा अन्यान्य व्यय।
कहते हैं प्रभारी कुलसचिव
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पत्र प्राप्त हुआ है। इस मामले में मुंगेर विश्वविद्यालय ऑडिट की तैयारियों में लग गया है।
डा. बीसी पांडेय, प्रभारी कुलसचिव सह कालेज निरीक्षक
भाजपा नेता पर गोलीबारी मामले में ललन को बेल
जमालपुर काॅलेज जमालपुर के पूर्व प्रभारी प्राचार्य ललन प्रसाद सिंह को जमालपुर काॅलेज जमालपुर परिसर में प्रो. अजफर शमसी पर हुई गाेलीबारी मामले में जमानत मिल गई है। उन्हें पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिली है। इस मामले में अब तक अभियोजन पक्ष के द्वारा ललन प्रसाद सिंह के खिलाफ कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। इसके बावजूद वे 28 जनवरी से अब तक जेल में रहे। उनके रिहा होने के आदेश के आलोक में मंगलवार को विवि प्रशासन ने उन्हें तिथि से ही काॅलेज में योगदान करने का आदेश दिया है।
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