पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संकट झेल रहे पक्षीराज गरुड़ का कुनबा बिहार में इन दिनों धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दुनियाभर में करीब 1800 गरुड़ हैं। इनमें से 600 भागलपुर में हैं। जिले के कोसी दियारा स्थित कदवा और खैरपुर पंचायत के कई टोले इनके प्रजनन क्षेत्र बन गए हैं। पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था मंदार नेचर क्लब के सर्वे के अनुसार दुनिया में गरुड़ का यह तीसरा प्रजनन स्थल है।
पहले सिर्फ कंबोडिया और असम में इसका प्रजनन क्षेत्र था। असम में सबसे ज्यादा गरुड़ थे। अब भागलपुर ने असम को मात दे दी है। 2006 के बाद 15 साल के अंदर भागलपुर में गरुड़ों की संख्या 8 गुना तक बढ़ी है। पर्यावरण को संतुलन करने में गरुड़ का अहम योगदान रहता है। यह पेड़-पौधे को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े-मकौड़े को खा लेता है।
चूहों को भी खेतों में नहीं टिकने देता। नदियों में बहने वाली लाशों को खाकर पानी को प्रदूषित होने से बचाता है। मंदार नेचर क्लब के अरविंद मिश्रा ने बताया कि 2006 में कदवा दियारा में 78 गरुड़ दिखे थे। उनके 16-18 घाेंसले नजर आए थे।
पर्यावरण एवं वन विभाग के साथ मंदार नेचर ने गरूड़ को लेकर कई जागरुकता अभियान चलाए। वन विभाग ने 2014 में सुंदरवन में दुनिया का पहला पुनर्वास केंद्र खोला। इसके बाद गरुड़ों का संरक्षण जमीन पर नजर आने लगा। अब 85 घोंसले में गरुड़ रह रहे हैं।
राज्य का पहला कछुआ रेस्क्यू सेंटर का गौरव भी हमें मिला
भागलपुर में ही प्रदेश का पहला कछुआ रेस्क्यू सेंटर भी है। सुंदरवन में 500 कछुओं को एक साथ रखने की व्यवस्था है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून द्वारा तैयार प्रारूप के आधार पर बने इस सेंटर मेंं हाल में 11 कछुओं को तस्करों से छुड़ाकर रखा गया है।
इनमें लिसेमिस पेंक्टेटा प्रजाति के 4 कछुए भी हैं। यह ठंड में मिट्टी में चले जाते हैं। उन्हें पानी की जरूरत नहीं होती। पेंगसुरा टेक्टा प्रजाति का भी एक कछुआ है। यह ठंड में भी पानी में रहता है और धूप सेंकने बाहर आता है। बीमार कछुओं का इलाज करने के बाद इस सेंटर से उसे गंगा नदी में छोड़ दिया जाता है।
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.