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प्रधानमंत्री आवास याेजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) के तहत करीब 662 लाभुकाें की स्वीकृति अब तक पेंडिंग है। इनमें से 583 लाभुक ऐसे हैं, जिनका पता नहीं मिलने के कारण कागजात उपलब्ध नहीं हाे पा रहे हैं और स्वीकृति पेंडिंग है। साथ ही 137 ऐसे मामले हैं, जिनमें जमीन का विवाद है। इनमें मुख्य रूप से बिहपुर, खरीक, नाथनगर, रंगरा चाैक, सबाैर, शाहकुंड और सन्हाैला के लाभूक शामिल है। इन प्रखंडों के बीडीओ काे डीडीसी ने लाभुक की पूरी सूची उपलब्ध कराने को कहा है। बिहपुर में 69 अस्थायी पलायित लाभुकाें में से केवल दाे का ही माेबाइल नंबर है। खरीक में 40 में से केवल 13 की विवरणी है। नाथनगर में 15 और रंगरा चाैक 15 में से एक भी अस्थायी पलायित लाभुकाें की विवरणी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। सबाैर में 82 में से केवल 50 की विवरणी उपलब्ध है। शाहकुंड में 45 और सन्हाैला में 39 अस्थायी पलायित लाभुकाें का माेबाइल नंबर तक उपलब्ध नहीं है।
बार-बार निर्देश के बाद भी सुल्तानगंज बीडीओ नहीं दे रहे रिपाेर्ट
सुल्तानगंज में 184 अस्थायी पलायित (जाे बाहर चले गए) और 126 लाभुकाें का अन्य कारण से स्वीकृति पेंडिंग है। बार-बार निर्देश के बाद भी लाभुकाें की विवरणी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इसकाे लेकर डीडीसी ने सुल्तानगंज के बीडीओ काे निर्देश दिया है कि 24 घंटे के अंदर रिपाेर्ट उपलब्ध कराएं।
सिर्फ बैकठपुर दुधैला के ही 90 लाभुक चले गए बाहर
नारायणपुर में 116 अस्थायी पलायित लाभुकाें की स्वीकृति पेंडिंग है। अस्थायी पलायित लाभुकाें में से एक ही पंचायत बैकठपुर दुधैला के 90 लाभुक है। इसके बारे में ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक ने समीक्षा बैठक में बताया कि लाभुक नाथनगर व सुल्तानगंज में रह रहे हैं। इसकाे लेकर डीडीसी ने नारायणपुर बीडीओ काे निर्देश दिया है कि समीक्षा कर पूरी विवरणी के साथ रिपाेर्ट उपलब्ध कराएं।
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