मंजूषा हैंडीक्राफ्ट ओर हैंडलूम साड़ी की भी अधिक मांग:वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के स्टॉल पर लोगों को लुभा रहा भागलपुरी चादर

भागलपुर6 महीने पहले
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स्टेशन पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत लगा स्टॉल। - Dainik Bhaskar
स्टेशन पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत लगा स्टॉल।

भागलपुर स्टेशन पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत लगे स्टॉल पर भागलपुरी चादर, मंजूषा हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम साड़ी की डिमांड अधिक है। ये आने जाने वाले यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। भागलपुर स्टेशन पर जून महीने में इस स्टॉल को मालदा डिवीजन के आदेश पर लगाया गया था। इस पर भागलपुर के लोकल उत्पाद सिल्क के साड़ी, हैंडलूम साड़ी, मंजूषा हैंडीक्राफ्ट, पेंटिंग, भागलपुरी चादर, मंजूषा पेंटिग सहित कुल 30 उत्पाद बेचे जा रहे हैं। स्टॉल प्रबंधक दशरथ सिंह ने बताया कि ज्यादातर यात्री भागलपुरी चादर, मंजूषा हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम साड़ी खोजते हैं।

हमारा प्रयास रहता है कि उन्हें शुद्ध लोकल उत्पाद दें। इसलिए स्टॉल पर बेचे जाने वाले ज्यादातर उत्पाद यहां के लोकल कारीगरों के हाथों से बने होते हैं। उन्होंने बताया कि यहां से प्रतिदिन 1 हजार से 15 सौ तक की बिक्री होती है। वहीं, मंजूषा के स्टॉल लगाने वाले मंजूषा के प्रशिक्षक मनोज पंडित ने बताया कि मेरे द्वारा स्टेशन पर मंजूषा का स्टॉल लगाया था। जिसका रजिस्ट्रेशन पिछले महीने खत्म हो गया। फिर से आवेदन किया हूं। उन्होंने बताया कि मंजूषा के समानों में ज्यादातर मंजूषा से बने हैंडीक्राफ्ट की डिमांड होती थी। जिसका कारण यह था कि ये सस्ते होते थे। वहीं पेंटिंग की डिमांड थोड़ी कम होती थी।

मालदा डिवीजन में 7 जगहों पर लगा स्टॉल
मालदा डिवीजन के सीनियर डिविजनल मैनेजर पवन कुमार ने बताया कि वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत एक स्टॉल का निर्माण कराया गया। जिसकी लागत चार लाख रुपए है। उन्होंने बताया कि स्टॉल लेने के लिए हर 15 दिन में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, जिसमें 1000 रुपए का शुल्क लगता है। उन्होंने बताया कि मालदा डिवीजन में पूर्व रेलवे के जीएम अरुण अरोड़ा के निर्देश पर सात जगहों पर लगाया गया। जिसमें सुल्तानगंज में कांवर और जमालपुर में जूता-बेल्ट का स्टाल खुला है। इसके अलावा साहेबगंज, कहलगांव, मालदा स्टेशन पर भी ये मौजूद है। आने वाले समय में अन्य स्टेशनों पर भी वोकल फॉर लोकल उत्पाद के लिए स्टॉल खोले जायेंगे।