गर्ल चाइल्ड-डे की पूर्व संध्या पर रविवार काे जीवन जागृति सोसाइटी की ओर से बेटी मेरा मान, बेटी मेरा अभिमान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ऐसे दंपतियों काे सम्मानित किया गया, जिन्होंने समाज में व्याप्त लड़के की चाहत काे दरकिनार करते हुए बेटियों काे ही बेटा मान अपने परिवार काे अनावश्यक बोझ से बचाया। इस माैके पर दंपतियाें ने घंटाघर से पटल बाबू राेड स्थित हाेटल स्टाेन पार्क तक पैदल मार्च निकाला।
साथ ही लाेगाें काे बेटियाें व बेटाें में अंतर नहीं करने की अपील की। संस्था के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि बेटे की चाहत में परिवार काे ज्यादा लंबा न करें। बेटियाें काे भी बेटाें के बराबर सम्मान दें। बेटियाें काे बेटाें से कम न समझें। वर्तमान समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटाें से पीछे नहीं है। उन्हाेंने लाेगाें से बेटियाें और बेटों में कोई फर्क नहीं समझने की अपील की।
20 दंपतियाें काे मिला सम्मान
कार्यक्रम में 20 दंपतियाें काे सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालाें में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार एवं रेणु देवी, डॉ. प्रेम कुमार, डाॅ. भारत भूषण एवं डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. पीबी मिश्रा एवं डाॅ. पूनम मिश्रा, डॉ. रोमा यादव, डॉ. स्नेहा, बालकृष्ण माेयल, सूरज शर्मा, आदि शामिल हैं।
संस्था के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि में कानपुर में रेलवे की नौकरी करते हुए हमे भी जब एक बेटी के बाद जब फिर जुड़वां बेटियां हुई तो काफी हतप्रभ हुआ। लेकिन हमने आपने आसपास के चिकित्सकों और परिचितों पर निगाह दौड़ाई तो देखा कई ऐसे लोग है। जिन्हें एक या दो बेटियां है और परिवार नियोजन करवा लिया है ऐसे लोगों को देखकर हमें प्रेरणा मिला और हमने निश्चय किया कि हमारी जो सोच है वह काफी पीछे हैं इसे सुधारने की जरूरत है
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