मेयर सीमा साह के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का मामला साेमवार काे हाईकाेर्ट में फाइल हुआ। हाईकाेर्ट के वकील पुरुषाेत्तम कुमार दास ने पार्षद एकता मंच की ओर से दिए आवेदन में नगर आयुक्त प्रफुल्लचंद्र यादव पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का आरोप लगाया। इसलिए उन्हें और नगर विकास विभाग के अफसरों को पार्टी बनाया गया है।
एक्ट 2007 के अनुसार, मेयर ने जबसे पदभार लिया, उसके दाे साल बाद पहला और इसके एक साल बाद दूसरा अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है। तीसरा प्रस्ताव मेयर के कार्यकाल में 6 माह ही बचे हों तो नहीं लाया जा सकता। लेकिन इसमें एक दिन भी ज्यादा रहा तो लाया जा सकता है। मेयर सीमा साह का कार्यकाल 9 जून 2022 को खत्म होगा और अविश्वास प्रस्ताव 1 दिसंबर 2021 काे लाया गया था।
ऐसे में 9 दिसंबर 2021 तक प्रस्ताव आता तो सही था पर नगर आयुक्त ने गलत निर्णय दबाव में लिया। वकील ने कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की अपील कर मेयर का पावर सीज करने और इसे जरूरी व व्यवहारिक काम के लिए डिप्टी मेयर काे देने की बात कही है। इधर, पार्षद गोविंद बनर्जी, मो. उमर चांद, पंकज कुमार दास, सरयुग प्रसाद साह और वार्ड-33 के पार्षद प्रतिनिधि मो. मेराज व संजय सिन्हा ने कोर्ट पर भरोसा जताया है। हाईकाेर्ट के वकील पुरुषाेत्तम कुमार दास ने बताया, वैध तरीका अपनाते हुए कोर्ट में हमने अर्जी दी है। अब कोर्ट को फैसला लेना है।
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