भागलपुर में 12वीं की छात्रा ज्योति ने अपनी रुम मेट से कहा कि बाजार जा रही हो, चिकन ले आना, मैं प्याज काट कर रखती हूं। फिर थोड़ी देर बाद एक वीडियो कॉल आता है..और कॉल पर ही ज्योति खुद को फांसी लगा लेती। परिजनों का कहना है कि ज्योति अपने बॉयफ्रेंड से बात कर रही थी और बात करते-करते फांसी लगा ली।
सोमवार को भागलपुर के बरारी थाना क्षेत्र के छोटी खंजरपुर के एक लॉज में एक युवती ने सुसाइड कर लिया। वह बांका के बेलहर थाना क्षेत्र के सेवक गोला गांव के रहने वाली थी और भागलपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। ज्योति पढ़ाई में काफी होशियार थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। मृतका के पिता रामचन्द्र साह और मामा नटवर साह समेत अन्य परिजन ने माना की प्रेम प्रसंग के कारण बेटी ने आत्महत्या कर ली।
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दोस्त से चिकन लाने को कहा था
लॉज में उसके साथ रुम शेयर करने वाली लड़की सोमवार दोपहर 2 बजे मार्केट जा रही थी। तब ज्योति ने उससे कहा कि बाजार जा रही हो, चिकन ले लेना, मैं प्याज काट कर रखती हूं। रूम पार्टनर जब 5 बजे वापस लौटी तो देखा दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर आवाज लगाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने खिड़की से झांक कर देखा,जहां ज्योति की लाश पंखे से लटक रही थी।
उसने पंखे के एक ब्लेड से जम्पिंग रोप का फंदा बनाकर सुसाइड किया था। उसके बाद पीजी संचालक तारणी मंडल को जानकारी दी गई। पीजी संचालक ने तुरंत बरारी थाना को सूचित किया जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची। सूचना मिलने के बाद एफएसएल की टीम भी पहुंची जहां वो सैंपल एकत्रित कर अपने साथ जांच के लिए ले गई।
दिन में 11 बजे मां से हुई थी बात
ज्योति के पिता ने बताया कि आत्महत्या वाले दिन ज्योति ने 11 बजे अपनी मां से बात की थी। मां ने ज्योति से पूछा कि खाना खाई हो तो ज्योति ने कहा कि हां मां, मैंने रात का अंडा चावल खाया है। उस वक्त भी ज्योति ने मां से अपनी कोई परेशानी नहीं बताई, एकदम नॉर्मल बातचीत की।
पिता बोले- किसी से प्रेम करती थी तो मुझे बोलती मैं समाधान निकालता
पिता रामचंद्र साह ने बताया कि मुझे शक है कि ज्योति ने किसी से प्रेम संबंध के चक्कर में अपनी जान दे दी। अगर वो किसी से प्रेम करती थी और कोई परेशानी थी तो मुझे एक बार बताती मैं उसका समाधान करता। मैं अपनी बेटी के डिसीजन के साथ खड़ा रहता।
शव देख छोटी बहन बोली- पापा दीदी को क्या हो गया...
मृतक ज्योति को कल (मंगलवार) को पोस्टमार्टम के लिए जेएलएनएमसीएच लाया गया। वहां उसकी छोटी बहन अपनी बहन के शव को देख कर चिल्ला-चिल्ला कर रोने लगी। अपने पापा से पूछने लगी दीदी को क्या हो गया है..पापा देखिए न... दीदी का पूरा चेहरा लाल हो गया है।
डॉक्टर बनना चाहती थी ज्योति
मृतक के पिता रामचन्द्र साह ने बताया कि ज्योति बचपन से ही पढ़ने में अव्वल थी। नवोदय में उसने 5 साल पढ़ाई करने के बाद भागलपुर में बायोलॉजी से 12वीं की पढ़ाई करने का फैसला लिया था। ज्योति 12वीं के बाद मेडिकल की तैयारी कर डॉक्टर बनना चाहती थी। ज्योति पिछले एक साल से भागलपुर में रहकर पढ़ रही थी। 15 दिन पहले ही नए लॉज में शिफ्ट हुई थी।
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