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केंद्रीय काली पूजा महासमिति के महासचिव रहे चिरंजीवी उर्फ धूरी यादव हत्याकांड के आरोपियों पर बुधवार को भी आरोपों का गठन (चार्ज फ्रेम) नहीं हो सका। कांड के एक आरोपी उर्दू बाजार निवासी अभिमन्यु सिंह उर्फ मन्नू ने सीआरपीसी की धारा 227 का हवाला देकर डिस्चार्ज पिटीशन पर फैसला के बाद ही उनपर चार्ज फ्रेम करने का अनुरोध किया। जिसे एडीजे-4 दिनेश शर्मा की अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले में अगली तारीख 15 जनवरी को तय किया है। इस दिन भी सभी आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है।
डिस्चार्ज पिटीशन के डिस्पोजल के बाद ही होगा चार्ज फ्रेम : कोर्ट
केस डायरी में कनेक्शन स्पष्ट नहीं, आरोप नहीं बनता है : अभिमन्यु
डिस्चार्ज पिटीशन में अभिमन्यु ने कहा है कि एफआईआर में उसका नाम नहीं है। तातारपुर पुलिस ने उनका नाम सह आरोपी राजकुमार यादव के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर हत्याकांड में लाया है। वह राजकुमार को पहचानता तक नहीं है। वह 2 जून 2019 से जेल में बंद है। पुलिस की केस डायरी में भी कोई कनेक्शन नहीं दिखाया गया है।
मृतक के परिजनों ने भी पुलिस को दिए गए बयान में उसके नाम का जिक्र नहीं किया है। इसलिए उन्हें कांड और जमानत के बंध पत्रों से मुक्त किया जाए। कोर्ट में एपीपी अजय यादव भी मौजूद रहे। इससे पहले कड़ी सुरक्षा में मुख्य आरोपी अजय कुमार मिश्रा, मो. जिशान आदि को हाजत से दोपहर साढ़े बारह बजे कोर्ट लाया गया।
दो आरोपियों ने हाईकोर्ट से मांगी जमानत
इस कांड में जेल में बंद दो आरोपियों क्रमश: जिशान व सूरज तांती ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी डाली है। दोनों की अर्जी निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। पुलिस ने दोनों के क्रिमिनल हिस्ट्री और केस डायरी में हत्याकांड में मेन रोल निभाने का हवाला दिया था। जिसे आधार बनाकर लोअर कोर्ट ने बेल पिटीशन रिजेक्ट कर दिया था।
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