बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में हर साल कोशी और गंगा तबाही का मंजर लेकर आती है। इस बार भी कोशी उफान पर है। वही गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के जहांगीरपुर बैसी गांव में कोसी का रुद्र रूप देखने को मिल रहा है। पिछले पांच दिनों के अंदर दर्जनों घर कोसी के तेज कटाव में विलीन हो गया है। कोशी का तेज कटाव होने से अब गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है। जिसको लेकर ग्रामीण दहशत में है।
वही पुरुषों के साथ साथ घर की महिलाएं भी घर तोड़ने में लगी हुई है। और कोशी के तबाही से आलम है की जिन नोनिहलो के हांथो में भविष्य सवारने के लिए कॉपी कलम होना चाहिए और कोशी के तबाही की मंजर ने बच्चों के हाथों में अब हथौड़ी थमा दिया है बचपन के मासूम हांथों से अपने आशियाना के अंश को बचाने के लिए जदोजहद कर रहे है। कोसी के विकराल रूप के आगे अपने ही घरों की दीवार को नन्हे नन्हे हाथों से हथोड़ा चलाकर तोड़ रहे हैं।
बच्चों को सिर्फ इतना मालूम है कि अगर घर नहीं तोड़ा जाता है तो कोसी उनका घर अपने आगोश में समालेगी। जिन बच्चों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी वह कोसी के कहर के आगे हथौड़े से अपना आशियाना तोड़ रहे हैं।
वही ग्रामीणों ने बताया कि हर साल का यहीं हालात होती है मगर न जिला प्रशासन और न ही बिहार के मुखिया सुध लेने आते है और न ही कोसी के तांडव को रोकने के लिए कोई ठोस पहल की जाती है। अगर पहल होती तो शायद इस तरह की मंजर देखने को नही मिलता है। फिलहाल सरकार को इन क्षेत्रों में नजरे इनायत की सख्त जरूरत है।
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