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बिना किसी डिग्री और पढ़ाई के छात्राें को डॉक्टर बनाने वाला ग्रामीण स्वास्थ्य संगठन ने प्रशासन की छापेमारी से पहले ही अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया। दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सिविल सर्जन ने कार्रवाई की तैयारी क्या की, संगठन ने अपने दफ्तर पर ताला जड़ दिया।
इशाकचक में बुढ़िया काली मंदिर के पास वृंदावन कॉम्पलेक्स के बेसमेंट में चल रही संगठन के कर्मचारियों ने सभी बोर्ड उतार लिए। पोस्टर-बैनर और नेम प्लेट समेट कर भाग खड़े हुए। संगठन के नेशनल हेड गुलाम सरवर का कहना है कि शाखा के को-ऑर्डिनेटर राजकुमार शर्मा ने छात्रों को गलत जानकारी दी थी। उसे हटा दिया गया है।
नए कर्मचारियों के साथ संगठन दोबारा खुलेगा। नेशनल हेड ने संगठन में दाखिल 72 छात्रों की राशि लौटाने की बात कही है। उन्होंने को-ऑर्डिनेटर शर्मा पर सोमवार को एफआईआर भी कराने का दावा किया। संगठन के दफ्तर पर जड़े ताले और नेशनल हेड के दावों के बीच सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर संगठन सब ठीक कर रहा था तो उसे शाखा हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
शनिवार को वृंदावन कॉम्पलेक्स के बाहर लगे संगठन के बोर्ड संगठन के कर्मचारियों ने उतारे। दफ्तर के गेट पर लगे पोस्टर भी हटा दिए। इतना ही नहीं, जिस व्हाइट बोर्ड पर डब्ल्यूएचओ की वीडियो दिखाकर प्रेजेंटेशन दिया जा रहा था, उस बोर्ड भी संस्था ने हटा दिया।
75 छात्रों से फीस के नाम पर ले लिए थे 3.75 लाख
ग्रामीण स्वास्थ्य संगठन की भागलपुर शाखा में 75 छात्रों के बैच की शुरुआत हुई थी। उनसे 18 माह के कोर्स के लिए 60 हजार प्रति छात्र की दर से 45 लाख फीस वसूली की तैयारी थी। इनमें संगठन ने 3.75 लाख ले भी लिए। सरकारी नौकरी दिलाने के लिए कोर्स कराने का झांसा देने वाले संगठन से अब छात्र फीस वसूली की तैयारी में हैं।
संगठन नौकरी देने की गलत जानकारी देकर छात्रों से पैसे वसूल रहा था। इसकी जांच करवाएंगे। संस्था पर कार्रवाई भी करेंगे। - डॉ. विजय कुमार सिंह, सीएस
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