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स्पेशल पॉक्सो जज महेश प्रसाद सिंह की अदालत ने 13 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के प्रयास के मुजरिम गुलो शर्मा को चार साल की सजा सुनाई। साथ ही 40 हजार रुपए अर्थदंड भी जमा करने को कहा। गुलो गोपालपुर के पोखरिया गांव का रहने वाला है। कोर्ट ने कहा, मुजरिम ने गंदा काम करने का ना सिर्फ असफल प्रयास किया बल्कि असफलता के बाद पीड़िता की आंख में कील घोंप दिया।
जिससे पीड़िता ताउम्र एक आंख गंवा बैठी यह वीभत्स है। कोर्ट ने डालसा को निर्देश दिया कि पीड़िता को राज्य सरकार से मिलने वाली मुआवजा राशि भी दी जाए। सरकार की ओर से स्पेशल पीपी नरेश राम ने बहस किया। पीड़िता की मामी ने 7 मार्च 2017 को गोपालपुर थाना में गुलो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एफआईआर के मुताबिक पीड़िता कटिहार की रहनेवाली है और गोपालपुर के एक गांव में ननिहाल में आई थी। यहां नाना के घर से सटे एक परिजन के यहां शादी में वह मामा-मामी के साथ शामिल हुई। मध्य रात वह शौच के लिए नजदीक के खेत गई थी। लौटते वक्त गुलो ने जबरदस्त का प्रयास किया। जब नाबालिग ने शोर मचाया तो गुलो ने कील पीड़िता की आंख में चुभो दिया।
गवाही में मामी मुकरी लेकिन पीड़िता का बयान बना आधार
इस मामले में सात लोगों की गवाही हुई। सूचिका मामी गवाही में मुकर गई। दो अन्य महिलाओं ने भी घटना की सत्यता कबूल नहीं की। जो केस के आईओए शंकर प्रसाद ओझा थे, उनका निधन हो गया था। लेकिन सरकारी वकील ने सीआरपीसी की धारा 294 और एविडेंस एक्ट की धारा 134 का हवाला देकर कहा कि पीड़िता ने कोर्ट में दिए बयान में घटना की सत्यता रखी है। ऐसे में एविडेंस एक्ट के तहत पीड़िता की बातों को सत्य पाते हुए आरोपियों को मुजरिम साबित किया जाए। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलील स्वीकारते हुए आरोपी को मुजरिम करार दिया।
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