ठंड और काेराेना संक्रमण के बीच शहर के अस्पतालाें व निजी क्लीनिकाें में हार्ट, बीपी एवं स्ट्राेक के मरीजाें की संख्या बढ़ी है। मेडिकल काॅलेज अस्पताल के मेडिकल के इमरजेंसी में आनेवाले मरीजाें में 70 प्रतिशत इसी तरह की शिकायत लेकर आ रहे हैं। निजी क्लीनिकाें में भी इस तरह के केस आ रहे हैं। एक्सपर्ट डाॅक्टराें का कहना है कि काेराेना के ताजा संक्रमित, ठंड व काेराेना के पहले व दूसरे लहर में संक्रमित मरीज जिन्हाेंने प्राॅपर चेकअप नहीं कराया, उनकी संख्या ज्यादा है। काेराना से पूर्व में संक्रमित हुए लाेगाें में खून का थक्का जमने की शिकायत ज्यादा आ रही है।
मायागंज अस्पताल के इंडाेर स्थित मेडिसिन वार्ड के एचडीयू में चार ऐसे ही मरीजाें का इलाज चल रहा है, जिसमें दाे महिला व दाे पुरुष हैं। पिछले 20 दिन के अंदर अस्पताल में 200 से ज्यादा ऐसे मरीज आए, जबकि 18 से 21 जनवरी के बीच चार दिन में 95 मरीज यहां आए। मायागंज अस्पताल में शनिवार काे काेराेना से मधेपुरा के एक 45 वर्षीय मरीज की माैत भी ब्रेन हेमरेज से हुई थी। उसे पहले भी काेराेना हुआ था, जिसे उन्हाेंने नजरअंदाज कर दिया था। वरीय फिजिशियन डाॅ. विनय कृष्ण सिंह कहते हैं कि अभी 180 से 190 ब्लड प्रेशर की शिकायत लेकर हर दिन मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा स्कीमिया यानी हार्ट अटैक से पहले सीने में तेज दर्द हाेने की शिकायत वाले मरीज भी आ रहे हैं।
काेराेना हुआ हाे तो टीबी के ठीक हाे चुके मरीज फिर कराएं जांच : डाॅ. डीपी सिंह
मेडिकल काॅलेज अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट विभाग के डाॅ. डीपी सिंह का कहना है कि मायागंज के अलावा निजी क्लीनिक में भी सांस की बीमारी के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। जिन मरीजाें का टीबी का पहले इलाज चला और वह स्वस्थ्य हाे गए, उनमें काेराेना हाेने के बाद दुबारा टीबी के वायरस लाैट आए हैं। ऐसे पांच मरीजाें की पहचान हुई है। इसलिए टीबी के जाे मरीज दवा से ठीक भी हाे चुके हैं और उन्हें काेराेना हाे गया है ताे ठीक हाेने के बाद टीबी की जांच करवानी चाहिए।
काेराेना से ठीक हाेने के बाद फाॅलाेअप करना है जरूरी : डाॅ. हेमशंकर शर्मा
मेडिसीन विभाग के एसाेसिएट प्राेफेसर डाॅ. हेमशंकर शर्मा ने बताया कि मायागंज अस्पताल में शनिवार काे मधेपुरा के एक 45 वर्षीय मरीज की माैत ब्रेन हेमरेज से हुई। उन्हें पहले भी काेराेना हुआ था और इस बार भी संक्रमित हाे गए थे। जिनकाे भी काेराेना पहले हाे चुका है, वह अपना रूटीन चेकअप जरूर करा लें। खासकर ब्लड शुगर, बीपी और यूरिन टेस्ट जरूर करवाएं। 100 प्रतिशत रिकवर हुए बिना घर चले जाना और बाद में भी इलाज नहीं करवाना भी अन्य बीमारियाें के बढ़ने का मुख्य कारण है।
इनका रखें ध्यान
चार दिन में आए मरीज
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