भागलपुर जिले के गोपालपुर से बड़बोले जदयू विधायक गोपाल मंडल की जुबान एक बार फिर फिसल गई। उन्होंने डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद के भागलपुर आने को लेकर एक बड़ा और विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा- 'डिप्टी CM भागलपुर में विकास के लिए नहीं, सिर्फ वसूली करने आते हैं। वो ऐसे लोगों के साथ घूमते हैं, जिन्होंने बीजेपी और जदयू को हराने की कोशिश की थी। वह 'माल' वाले लोगों के साथ ही घूमते हैं।'
उन्होंने कहा- 'सीट देने का आश्वासन देकर माल कमा रहे हैं। इसलिए ऐसे लोगों को इस पद पर रहने का कोई हक नहीं है, जो पार्टी और संगठन के खिलाफ काम करे।' मंडल ने इस्तीफे की मांग करते हुए इस मामले की जांच कराने की मांग की है।
डिप्टी CM पर विधायक ने आगे कहा- 'वह बनिया वर्ग से तहसीलदारी करने लगे हैं। लोजपा के सुरेश भगत पैसा कमा कमाकर देता है। अपना पॉकेट भरने के लिए चन्दा वसूल रहे हैं, न कि पार्टी के लिए।'
गोपाल मंडल ने इस मामले में लोजपा के पूर्व प्रत्यशी और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के सम्बन्ध में कहा- 'उप मुख्यमंत्री राजेश वर्मा के घर गए, वहां उनके यहां भोजन किया। राजेश वर्मा ने उन्हें सोना का एक बड़ा ढेला दिया होगा।'
मेरे क्षेत्र में हमको ही नहीं पूछा
मंडल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा- 'तारकिशोर प्रसाद हमारे क्षेत्र नवगछिया में बाढ़ पीड़ितों से मिलने आए, लेकिन न तो हमें पूछा और न ही फोन किया। पिछली बार भी मैंने उन्हें इस बात के लिए समझाया था कि इस तरह से मुझे छांट दीजिएगा तो जनता क्या कहेगी। इस पर उप मुख्यमंत्री ने अपनी गलती मानी थी, लेकिन इस बार उन्होंने फिर वैसा ही काम किया।'
बीजेपी प्रत्याशी ने अपनी व्यथा सुनाई
गोपाल मंडल ने कहा- 'भागलपुर आने पर उप मुख्यमंत्री रोहित पांडे से भी नहीं मिले और लोजपा वाले के साथ दिनभर रहे, घूमे और फिर राजेश के घर जाकर खाना खाया। इस बात को लेकर रोहित ने फोन पर रो-रोकर अपनी व्यथा सुनाई। तब मैंने उससे कहा कि इस सम्बन्ध में जो हाल आपका है, वहीं हाल मेरा भी है।'
त्याग पत्र दे देना चाहिए
विधायक ने कहा- 'भागलपुर आने के बाद वह सिर्फ भाजपा और जदयू विरोधी लोगों से ही मिले। लोजपा प्रत्याशी रह चुके सुरेश भगत, जिसने बीजेपी का 23 हजार वोट काटा था। संजीव सिंह उर्फ झाबू जो कभी भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष थे, निर्दलीय चुनाव लड़कर बीजेपी का 4500 वोट काटे थे। प्रवीन भगत, जिला पार्षद सदस्य विपिन मंडल जो किसी दल का नहीं है, उसने हमारी पत्नी को हराने का काम किया। उप मुख्यमंत्री ने इन लोगों के साथ बैठक की। इस दौरान न हमें खोजा और न ही हमें फोन किया। इसलिए जब इतने बड़े नेता इस तरह का काम करने लगे तो उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्हें अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए।'
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