उच्च न्यायालय पटना के आदेश के दो साल से वेतन की आस में भागलपुर कोऑपरेटिव स्पिनिंग मिल्स कामगार यूनियन के सब्र का बांध टूट गया। अब ये लोग सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में है। कर्मियों का कहना था की स्मार पत्र के माध्यम से उच्च न्यायालय पटना ने मुकदमा सी डब्ल्यू जे सी7997/2008 8 जनवरी 2019 को फैसला सुनाया था। इसके अनुसार की 60 वर्ष से कम आयु के कर्मियों को समायोजन में सरकारी नौकरियों में करने साथ ही साथ बकाया वेतन का भुगतान करने के आदेश को धरातल पर उतारने की मांगों को माना। लेकिन पिछले 2 सालों से सरकार मांगों में टालमटोल कर रहे हैं।
उद्योग मंत्री व वित्तमंत्री से भी मिल चुके हैं, पर नहीं निकला निर्णय
कोऑपरेटिव स्पिनिंग मिल्स कामगार यूनियन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि वेतन भुगतान को लेकर दो वर्ष से लगातार दौड़ रहे हैं। उद्योग मंत्री के पास गए। इसके बाद वित्त मंत्री के पास गए। पर दो साल बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ। इसलिए हम लोग अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना दिया।
कुल 720 कामगारों का वेतन है बकाया
720 कामगारों के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। उच्च न्यायालय ने वेतन भुगतान का आदेश दिया है। इन 720 कामगारों में से 150-200 कामगार की मौत हो गई है। इनकी विधवाएं रो रही हैं। बच्चे बिलख रहे हैं। पर देखने वाला कोई नहीं है। सरकार से निवेदन है कि इन कामगारों का भुगतान करा दें। नहीं तो मजबूर हम लोग आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाएंगे।
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