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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद काे लेकर लगातार अड़चन आ रही है। पहले पैक्साें की कमी और अफसराें के धान खरीद में रुचि नहीं लेने की वजह से खरीद के टारगेट पूरा करने की गति तेज नहीं हाे पाई। अब पैसा ही खत्म हाे गया है। लक्ष्य के मुताबिक 68 कराेड़ की जरूरत थी। लेकिन बिहार राज्य सहकारी बैंक की ओर से 45 कराेड़ रुपए मिले।
इससे 60 हजार टन में से 22 हजार टन धान की खरीद की जा सकी। अब जबकि राशि खत्म हाे गई है ताे फिर से 23 कराेड़ रुपए की मांग की गई है, ताकि पैक्साें काे उस राशि से कैश क्रेडिट किया जा सके। अफसर अब राशि की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। 31 जनवरी तक लक्ष्य पूरा करना है। अब केवल 10 दिन शेष हैं। 38 हजार टन अभी और धान खरीदना है।
68 कराेड़ कैश क्रेडिट लाेन स्वीकृत की मांग
भागलपुर सेंट्रल काे-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक माे. जैनुल आबदीन अंसारी ने बिहार राज्य सहकारी बैंक काे पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि 45 कराेड़ रुपए के कैश क्रेडिट 114 पैक्स व व्यापार मंडल में बांटे गए। अब तक जिला में करीब 22 हजार टन धान की खरीद हुई है।
राज्य खाद्य निगम से सीएमआर आपूर्ति के लिए बाेरा की उपलब्धता कम हाेने के कारण तैयार चावल के भुगतान की गति धीमी गति से हाे रही है। अधिकतर समितियाें में साख सीमा खत्म हाेने के कगार पर है, जिस कारण से धान खरीद बाधित हाेने की संभावना है। इसलिए जिला के लिए तय लक्ष्य की 60 प्रतिशत राशि 68 कराेड़ रुपए कैश क्रेडिट लाेन स्वीकृत करते हुए अतिरिक्त 23 कराेड़ रुपए की लाेन राशि दी जाए।
राशि खत्म हाेने के पीछे एक कारण यह भी : सीएमआर का नहीं हो रहा भुगतान
राशि काे लेकर आ रही दिक्कत के पीछे एक कारण यह है राज्य खाद्य निगम काे अभी चावल नहीं दिया जा रहा है। इस कारण से एसएफसी से राशि नहीं मिल पा रही है। प्रबंध निदेशक ने बिहार राज्य सहकारी बैंक काे पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि विभाग के स्तर पर 19 जनवरी काे जानकारी दी गई कि कुछ समितियाें ने स्वीकृत राशि का उपयाेग कर लिया है और सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम काे कर दी गई है। वैसी समितियाें काे उनके द्वारा आपूर्ति की गई सीएमआर की राशि के बराबर कैश क्रेडिट लाेन स्वीकृत की सीमा 60 प्रतिशत तक निदेशक मंडल से स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है।
समय पर खरीद का लक्ष्य पाना संभव नहीं
जिले में धान खरीद की सीमा अगर 31 जनवरी से आगे नहीं बढ़ी ताे किसी तरह से 30 हजार टन तक धान की खरीद हाेने की संभावना है। पिछले साल महज 18 हजार टन ही खरीद हाे सकी थी। इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी माे. जुनैल आबदीन अंसारी ने बताया कि लक्ष्य पूरा करने की दिशा में हर स्तर पर पहल की जा रही है।
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