शहर के थाने प्राइवेट ड्राइवर और लोगों के भरोसे चल रहे हैं। स्थित यह है कि प्राइवेट ड्राइवर और लोग ही एफआईआर भरने से लेकर थाने का सरकारी वॉकी-टॉकी तक ऑपरेट करते हैं। इससे वायरलेस पर चलने वाली गोपनीय सूचनाओं के लीक होने की आशंका है। थाने में बैठ कर पुलिसकर्मी की तरह प्राइवेट लोग काम करते हैं, जिनको थानेदारों का शह प्राप्त रहता है।
ये प्राइवेट लोग खुद को पुलिसवाला बता कर लोगों पर धौंस भी जमाते हैं। अभी कुछ दिन पहले तक विवि थाने में प्राइवेट आदमी से काम लिया जा रहा था। पुलिस मुख्यालय ने थाने में प्राइवेट ड्राइवर को रखने पर रोक लगा दी है। क्योंकि कई बार गोपनीय सूचनाएं लीक हो जाती हैं। फिर भी शहर के कई थानों में प्राइवेट ड्राइवर से काम लिया जा रहा है।
एसपी ने कहा- प्राइवेट लाेगाें से थाने में काम लेने की कराएंगे जांच
एसएसपी निताशा गुड़िया ने कहा कि विवि थाने में प्राइवेट आदमी से काम लेने का मामला सामने आने के बाद उस व्यक्ति के थाने में प्रवेश पर राेक लगा दी है। अगर थानों में प्राइवेट ड्राइवर से काम लिया जा रहा है तो इसकी जांच कराएंगे।
गश्ती के दौरान थाने के 2 निजी चालक की हो चुकी है हत्या
हबीबपुर थाने के 2 प्राइवेट ड्राइवर की हत्या हो चुकी है। एक वर्ष पहले शेख अफसार की बदमाशों ने गश्ती के दौरान दाऊदबाट चौक के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाशों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी और बाइक लूट ली थी। 8 जून, 2016 को अपराधियों ने हबीबपुर थाने के प्राइवेट ड्राइवर हीरू की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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