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कोरोना को लेकर हुई ट्रेनबंदी से मालदा डिवीजन को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। इस घाटा को पाटने के लिए अब डिवीजन ने बालू-गिट्टी का रैक लोड कर राजस्व कमाने की योजना बनाई है। रेलवे की योजना है कि भागलपुर क्षेत्र से काफी मात्रा में बालू की ढुलाई होती है।
ऐसे में क्यों ना ट्रेन से ही संबंधित जिलों के स्टेशनों पर बालू भेजी जाए। इससे ट्रक के मुकाबले व्यापारियों को ट्रेन से ढुलाई पर कम खर्च पड़ेगा। रेल अधिकारियों ने बताया कि कई कारोबारियों ने मालगाड़ी के रैक की ढ़लाई के लिए संपर्क किया है। उनका कहना है कि ट्रक ऑपरेटर भागलपुर में जर्जर सड़क का हवाले देकर ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। जिससे बाजार में बालू अधिक कीमत पर बिक रही है।
प्रत्येक रैक में लगभग 70 टन बालू हो सकेगा लोड
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक रैक में लगभग 70 टन बालू लोड होगी। ट्रकों के मुकाबले रेलवे रैक में बालू लगभग दोगुना लोड होगी। आमतौर पर 10 पहिये के ट्रक में 30 घन मीटर के आसपास बालू लोड की जाती है। हालांकि यह ओवरलोड होती है।
इसका वजन 45 टन के लगभग होता है। जबकि रैक में 70 टन बालू लोड होगी। यह 105 घन मीटर होती हैं। इससे कम भाड़ा पर अधिक ढुलाई का लाभ व्यापारियों को मिल सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि 200 किमी दूरी के लिए यदि ट्रक वाले 30 घन मीटर के आसपास बालू ढोने का किराया 20 हजार ले रहा है तो ट्रेन से 10-12 हजार के आसपास ही लगेगा।
जमालपुर से गिट्टी व बांका से बालू ढुलाई की योजना
अधिकारियों ने बताया कि अभी पाकुड़ में गिट्टी की ढुलाई होती है। अब डिवीजन की योजना है कि जमालपुर की गिट्टी, किऊल व बांका की बालू की ढुलाई रेलवे से हो। यह पूरे रैक बुक करने वाले कारोबारियों के जिलों के स्टेशनों तक जाएगी और अनलोड कर वापस आएगी। वापसी में खाली रैक ना आए, इसलिए संबंधित इलाकों के मकई, धान, केला आदि की ढुलाई भी करने की योजना ही है। इसके लिए संबंधित डिवीजन व जोन से संपर्क साधा जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरुआत हो जाएगी।
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