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हिंदी विभाग के शिक्षक दिव्यानंद देव की पिटाई का मामला अब शिक्षक के सम्मान की लड़ाई और गुरु-शिष्य परंपरा बहाल रखने के प्रयासाें से इतर विभाग के अध्यक्ष प्राे. याेगेन्द्र और एक प्रमुख काॅलेज के प्राचार्य की ओर शिफ्ट हाेने लगी है। 26 मार्च काे घटना हाेने के बाद कुछ दिन ही शिक्षक का सम्मान बचाने और दाेषियाें पर कार्रवाई हाेने या शिक्षक पर ही केस करने का मामला छाया रहा। अब इस मामले में एक पक्ष प्राे. याेगेन्द्र काे अध्यक्ष के पद से हटाने पर तुल गया है ताे प्राे. याेगेन्द्र इस मांग के पीछे की राजनीति सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।
पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शांतनु राउत ने वीसी काे आवेदन देकर प्राे. याेगेन्द्र पर पूर्व में लगे आराेपाें के आधार पर फरवरी में तत्कालीन प्रभारी वीसी डाॅ. संजय कुमार चाैधरी द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपाेर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है। यही मांग पिछले दिनाें बमबम प्रीत और छात्र संघर्ष समिति के शिशिर रंजन सिंह ने भी की थी। इधर प्राे. याेगेन्द्र ने साेशल मीडिया पर कहा है कि प्राचार्य पर आराेप सिद्ध है फिर भी कार्रवाई नहीं हाे रही है। एक व्यक्ति ने हाॅस्टल के चार कमराें पर कब्जा कर रखा था। खाली कराया ताे नाराज हाे गए। उन्हाेंने हाॅस्टल में हो रहे कुछ छात्राें पर इशारा कर यह भी कहा है कि कब तक यहां पढ़ते रहेंगे, दाे साल, चार साल, दस साल या बीस साल। इधर एमएलसी डाॅ. संजीव कुमार सिंह ने बुधवार काे हिंदी विभाग पहुंचकर मामले की जानकारी ली। उन्हाेंने कहा कि टीएमबीयू की जांच कमेटी की रिपाेर्ट आने पर ही कुछ कहा जा सकता है।
छात्र जदयू ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की
छात्र जदयू ने हिंदी विभाग के शिक्षक दिव्यानंद देव की पिटाई मामले में दाेषियाें पर कार्रवाई की मांग की है। संगठन के विश्वविद्यालय अध्यक्ष रूपेश यादव ने बुधवार को डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह को तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा और आरोपितों पर कार्रवाई के लिए 72 घंटे का समय दिया।
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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