टीएमबीयू प्रशासन ने पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट) 2023 के लिए उन्हीं प्राेवीसी प्राे. रमेश कुमार काे जिम्मेदारी दी है जिनकी अध्यक्षता वाले बाेर्ड ने पिछली परीक्षा के बाद छात्राें काे ग्रेस अंक देने का निर्णय लिया था। ग्रेस अंक दिए जाने पर इसका प्रावधान नहीं हाेने काे लेकर सवाल उठा था और विवि ने मामले की जांच कराई थी। इसकी रिपाेर्ट राजभवन भेजी गई थी।
अब तक मामले में विवि ने स्पष्ट नहीं किया है कि राजभवन ने किसे दाेषी माना है। ग्रेस अंक देने के लिए काैन लाेग जिम्मेदार माने गए। लेकिन वीसी प्राे. जवाहर लाल ने दावा किया कि इस मामले में राजभवन ने प्राेवीसी प्राे. कुमार काे आराेपी नहीं माना है। उन्हाेंने कहा कि प्राे. कुमार काे पैट की हाेने जा रही परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। पिछली बार हुई परीक्षा में ग्रेस अंक देने के मामले में राजभवन ने उन्हें आराेपी नहीं माना है।
कुलपति नहीं हाेंगे इस परीक्षा का हिस्सा
दरअसल, पैट परीक्षा नियंत्रक डाॅ. आनंद कुमार झा ने एक दिन पहले ही पत्र जारी किया था कि यह परीक्षा प्राेवीसी प्राे. रमेश कुमार की अध्यक्षता में हाेगी। पत्र की अगली पंक्ति में कहा गया है कि वीसी इस परीक्षा का हिस्सा नहीं हाेंगे। जानकाराें ने बताया कि पिछली बार हुए विवाद काे लेकर वीसी ने खुद काे इस परीक्षा से अलग रखा है। जबकि ग्रेस अंक दिए जाने का मामला सीनेट की बैठक में सदस्य जयप्रीत मिश्रा ने उठाया था। तब विवि प्रशासन ने दलील दी थी कि रिपाेर्ट राजभवन भेजी गई है। अब प्राेवीसी काे फिर इस परीक्षा की जिम्मेदारी देने पर जयप्रीत ने कहा है कि विवि पहले रिपाेर्ट सार्वजनिक करे कि ग्रेस अंक देने के मामले में काैन लाेग दाेषी थे और उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है।
बोर्ड में 16 ग्रेस अंक देने का हुआ था फैसला
दरअसल, पैट 2022 का रिजल्ट आने के बाद उस समय के एक अधिकारी के दबाव पर उनके रिश्तेदार काे पास करने के लिए प्राेवीसी की अध्यक्षता में हुर्ई परीक्षा बाेर्ड की बैठक में दाेनाें पेपर में 8-8 यानी कुल 16 ग्रेस अंक देने का निर्णय लिया गया था। ग्रेस अंक देने काे गलत बताया गया था। इसके बाद तत्कालीन प्रभारी वीसी हनुमान पांडेय ने जांच कमेटी बनाई थी।
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