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  • There Are Many Allegations Against The VC Of Bihar Agricultural University, Sabour; Give The Charge To Another In His Place, If He Stays Here, Serious Administrative Difficulties Will Arise

कृषि विभाग ने राजभवन से कहा:बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वीसी पर हैं कई आरोप; उनकी जगह दूसरे को दें प्रभार, यहां रहे तो गंभीर प्रशासनिक कठिनाई उत्पन्न होगी

भागलपुर4 महीने पहले
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विवि के बाेर्ड ऑफ मैनेजमेंट के दाे निर्णयाें पर पिछले हफ्ते राेक लगाने के बाद अब कृषि विभाग ने उन्हें हटाने काे कहा है। - Dainik Bhaskar
विवि के बाेर्ड ऑफ मैनेजमेंट के दाे निर्णयाें पर पिछले हफ्ते राेक लगाने के बाद अब कृषि विभाग ने उन्हें हटाने काे कहा है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वीसी डाॅ. अरुण कुमार की मुश्किलें कम नहीं हाे रही हैं। विवि के बाेर्ड ऑफ मैनेजमेंट के दाे निर्णयाें पर पिछले हफ्ते राेक लगाने के बाद अब कृषि विभाग ने उन्हें हटाने काे कहा है। विभाग के विशेष सचिव विजय कुमार ने राजभवन काे पत्र लिखकर डाॅ. अरुण कुमार काे बदलने और इनकी जगह नए वीसी काे नियुक्त करने का आग्रह किया है। यह एक हफ्ते में ऐसा दूसरा मामला है जब कृषि विभाग ने वीसी काे लेकर कड़े निर्णय लिए हैं। लेकिन दाेनाें में से किसी भी मामले में राजभवन ने अब तक काेई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

विजय कुमार ने 18 नवंबर काे ही राजभवन के प्रधान सचिव काे पत्र देकर अरुण कुमार काे बीएयू से विरमित करने का आग्रह किया था। चार दिन बाद भी इस मामले में राजभवन ने काेई एक्शन नहीं लिया है। कृषि विभाग ने विवि में एक निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियाें काे भुगतान में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए भागलपुर के डीएम काे भी मामले की जांच कराने काे कहा है। दाेनाें पत्र कृषि विभाग के विशेष सचिव विजय कुमार ने जारी किए हैं। विजय कुमार ने राजभवन के प्रधान सचिव काे लिखे पत्र में कहा है कि अरुण कुमार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि बीकानेर का वीसी नियुक्त किया गया है।

विशेष सचिव ने भुगतान में गड़बड़ी का मामला भी उठाया
कृषि विभाग के विशेष सचिव ने भुगतान में गड़बड़ी का मामला भी उठाया है। भागलपुर के डीएम काे लिखे पत्र में उन्हाेंने कहा है कि बीएयू में सामंता सिक्याेरिटी इंटेलीजेंस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के सुरक्षाकर्मी के वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान नहीं होने से जुड़ी शिकायत विभाग काे मिली है। विवि ने इस मामले में जांच रिपाेर्ट विभाग को उपलब्ध कराई है, जिसमें 96 सुरक्षाकर्मियाें की उपस्थिति विवरणी के आधार पर 95 सुरक्षाकर्मियाें काे भुगतान करने की बात कही गई है। इसमें फर्जी भुगतान हाेने की आशंका है।

ऐसा क्यों किया गया, इस संबंध में जांच रिपाेर्ट में कोई उल्लेख नहीं है। फरवरी, 2022 का भुगतान अप्रैल, 2022 में करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। जांच रिपाेर्ट में न तो एजेंसी से कोई पूछताछ की गई है, न परिवादी से पूछताछ हुई है। यह आश्चर्यजनक है। इसलिए किसी वरीय अपर समाहर्ता से बीएयू में कार्यरत सामंता सिक्याेरिटी इंटेलीजेन्स सर्विस प्रा. लि. के सुरक्षाकर्मियाें के वेतन, बोनस और महंगाई भत्ते के भुगतान के संबंध में आई शिकायत की जांच कराई जाए और इसकी रिपाेर्ट विभाग को उपलब्ध कराई जाए। इस मामले में बीएयू प्रशासन का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया लेकिन विवि ने पक्ष नहीं दिया।

आवास आवंटन में गड़बड़ी का लगाया आराेप
मनाेज कुमार नाम के व्यक्ति ने भी राजभवन के प्रधान सचिव काे ज्ञापन देकर बीएयू प्रशासन पर आवास आवंटन में गड़बड़ी का आराेप लगाया है। उन्हाेंने कहा है कि आवास का आवंटन एक गैर विवि कर्मी काे कर दिया गया है। जिस आवास का आवंटन बाहरी व्यक्ति काे किया गया है नियमत: वह विवि में कार्यरत ऐसे कर्मी काे मिलना चाहिए जिसका ग्रेड पे 7600-9000 है। लेकिन 15 नवंबर काे विवि ने अधिवक्ता राम कुमार मिश्रा काे आवास आवंटित करने का पत्र जारी किया है। जबकि अधिवक्ता का निजी आवास विवि से आठ किमी की दूरी पर भागलपुर में है।

इस मामले में बीएयू प्रशासन ने कहा कि हाईकाेर्ट में विवि के विभिन्न मामलाें में ससमय कानूनी सलाह लेने के लिए राम कुमार मिश्रा 2017 से विवि के पैनल अधिवक्ता हैं। उन्हें तात्कालिक रूप से अनिवार्य सेवा के तहत एक आवास आवंटित किया गया है। उनकी संविदा अवधि समाप्त हाेने के साथ आवास का आवंटन भी रद्द हाे जाएगा। उनकी उम्र 70 वर्ष है इसलिए स्वास्थ्य कारणाें काे देखते हुए अस्थायी व्यवस्था की गई है। वे आवास के लिए उन्हें लाइसेंस फीस, बिजली बिल और मकान किराया भत्ता का भुगतान करेंगे।

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