श्रावणी मेला के 7वें दिन बुधवार को पटना से चला 54 फीट लंबा कांवड़ भागलपुर पहुंचा। यहां से लगभग चार दिन में देवघर पहुंचेंगे। श्रद्धालु एक दिन में करीब 20 से 25 किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं। इस कांवड़ को करीब 150 लोग पकड़ कर चलते हैं। इसका वजन 2.5 क्विंटल है।
पटना का शिवधारी कांवड़िया संघ ढोल नगाड़े के साथ सुलतानगंज अजगैबीनाथ धाम पहुंचा। जहां श्रद्धालुओं ने उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर जल लेकर देवघर के लिए रवाना हुए।
कांवड़िया संघ के कार्यकर्ता अर्जुन कुमार और विनोद कुमार ने बताया कि वे कई वर्षों से 54 फीट का कांवड़ लेकर बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने जाते हैं। हम भगवान से देश में सुख शांति बनाए रखने की कामना करते हैं। साथ ही हमारा देश उन्नति की ओर आगे बढ़े, इसके लिए भी पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि ये कांवड़ 2.5 क्विंटल वजनी है जिसे वे कंधे पर लेकर झूमते-नाचते हुए जाते हैं।
2008 से लगातार जत्था जाता है देवघर
बता दें कि कांवरिया का जत्था मारुफगंज पटना सीटी से अजगैबीनाथ धाम पहुंचकर नियम निष्ठा और पवित्र होकर बाबा बैद्यनाथ धाम में बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए निकल पड़े हैं। वहीं, शिवधारी कांवड़ संघ के सदस्य दिनेश कुमार साह ने बताया कि वे 2008 से लगातार कांवड़ियों का जत्था लेकर जा रहे। कोरोना के कारण बीच में 2 साल के लिए ये यात्रा नहीं हो पाई। लेकिन इस साल अधिक उत्साह के साथ कांवरिया लेकर निकले हैं।
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