फ्लड फाइटिंग:खतरे के निशान से 48 सेमी. नीचे परमान, अर्राबाड़ी में कटावरोधी कार्य शुरू

बायसी2 वर्ष पहले
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अर्राबाड़ी में परमान नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए किया गया कार्य। - Dainik Bhaskar
अर्राबाड़ी में परमान नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए किया गया कार्य।
  • एक सप्ताह के भीतर मीनापुर पंचायत के अर्राबाड़ी में आठ परिवारों का कच्चा मकान नदी में समाया, कटाव तेज होने से लोगों में दहशत का माहौल, कटाव रोकने का प्रयास तेज

परमान नदी के जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगी है। नदी अपने खतरे के निशान 47.68 मीटर से 48 सेंटीमीटर नीचे यानि 47.2 मीटर की जलस्तर से बह रही है। वहीं पिछले एक सप्ताह से प्रखंड क्षेत्र के मीनापुर पंचायत के ग्राम अर्राबाड़ी में परमान नदी के कटाव के कारण 8 परिवारों का कच्चा मकान नदी में समा गया है। वहीं, अर्राबाड़ी से खुटिया जाने वाली सड़क भी नदी की चपेट में आ गई थी। नदी के जलस्तर में हो रही कमी के बाद फ्लड फाइटिंग का काम शुरू हो गया है।

नदी कटाव से पीड़ित परिवार का कहना है कि कोई राहत हमतक नहीं पहुंच पा रहा है। गनीमत है कि अब प्रशासन की आंखें खुली है और परमान नदी से हो रही कटाव की रोक थाम के लिए सरकार का अर्राबारी में फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू हो गया है।फल्ड फाइटिंग का कार्य करवा रहे मुंशी से बात करने पर बताया कि 270 मीटर पर फल्ड फाइटिंग का कार्य चल रहा है। लेकिन पानी के अचानक बढ़ने से काफी नुकसान भी हुआ है। काफी बांस पानी के तेज धार में बह गए हैं। हम लोग प्रयासरत हैं।

फ्लड फाइटिंग कर गोटफोर स्कूल को बचाया गया
मुंशी ने बताया कि इससे पहले गोटफोर स्कूल को बचाने के लिए फल्ड फाइटिंग हमारा सफल रहा है। वहीं पंचायत मुखिया प्रतिनिधि सैय्यद शमसुद्दीन अहमद ने बताया कि अंचलाधिकारी के ट्रांसफर के कारण मदद मिलने में समय लग गया था। बुधवार को 9 स्थापित परिवारों को सरकारी मदद के रूप में प्लास्टिक मुहैया कराया गया है। प्लास्टिक मदद मिलने वाले 9 परिवारों में मो.नजरुल, मो.हजरूल, मो.साकिब, मो.रकिब, मो.शकिल, मो.अलिहुसैन, मो.महबुल, अब्दुल लतीफ तथा मो.जफरुल के नाम शामिल हैं। हलांकि अभी अभी ग्रामीण बाढ़ और कटाव को लेकर भयभीत हैं।

समय से पहले शुरू होता फ्लड फाइटिंग तो बच जाते कटे घर
ग्रामीण मो.साकिब, मो.रकिब, मो.शकिल, मो.अली हुसैन आदि कहते हैं कि सरकार को बरसात के मौसम से पहले ही फ्लड फाइटिंग का काम करवाना था। अगर यह काम पहले हो गया होता तो लोगों का घर नदी में नहीं समाता। जिन बच्चों के हाथों में कलम और किताब होना चाहिए था वे बच्चे अपने घर की कुछ बचे-खुचे सामान को बचाने की कोशिश नहीं करते। परिवार के सभी सदस्य खुद अपने आशियाना के ईंटों को सुरक्षित स्थल पर लेकर जाने को विवश हैं। बताते चलें कि दैनिक भास्कर ने मीनापुर पंचायत के अर्राबाड़ी गांव में परमान नहीं से हो रहे कटाव को प्रमुखता से छापी थी। जिसके बाद प्रशासन के द्वारा यहां कटाव रोधी कार्य शुरू किया गया है।