जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिले में जैविक खेती के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा।कृषि विभाग ज्यादा से ज्यादा किसानों को जैविक खेती और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के लिए किसानों को जागरूक करेंगे।
उक्त निर्देश डीएम राहुल कुमार ने समाहरणालय सभागार में जल -जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान दिया।समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत् जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान विस्थापित परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया । समीक्षा बैठक के दौरान जल संचयन के लिए जिले में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि पीएचईडी विभाग के द्वारा 43 सोख्ता के विरूद्ध 3 पूर्ण किया गया है। वहीं पशु एवं मत्स्य विभाग द्वारा 20 में से 12 नए जल स्त्रोतों का सृजन किया गया। नगर निकाय क्षेत्रों में 40 में 20 सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर जीर्णोद्धार पूर्ण किया गया तथा नगर निगम क्षेत्रों में 141 के विरूद्ध 31, कसबा में 10 सार्वजनिक चापाकल एवं कुओं के समीप सोख्ता का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके आलवा नगर निगम क्षेत्र में 54 भवनों मे छत वर्षा जल संचयन पूर्ण किया गया।
वहीं मनरेगा के तहत नगर निगम क्षेत्रों में 33 में 3 तालाब व पोखर पूर्ण किया गया है। इसके आलावा सार्वजनिक चापाकल के समीप 1557 में 161 सोख्ता का निर्माण किया गया, 79 में 23 नए जल स्त्रोंतों का सृजन किया गया।
वहीं 37में 6 भवनों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया। समीक्षा के दौरान मासिक प्रगति प्रतिवेदन एवं एमआईएस इंट्री अलग-अलग पाए जाने पर जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर मासिक प्रगति प्रतिवेदन एवं एमआईएस प्रतिवेदन में एकरूपता लाने का निर्देश दिया।
जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, निदेशक, डीआरडीए, जिला कृषि पदाधिकारी, आत्मा निदेशक, जिला मत्स्य पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु-जल संसाधन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, श्रीनगर एवं अंचलाधिकारी-श्रीनगर, डी. पी. एम. जीविका एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.