पतरघट ओपी में शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते पुलिस वाले आयरनयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं। जहां सरकार द्वारा आयरनयुक्त पानी पीने से लोगों के बीच फैल रही बीमारी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल सात निश्चय योजना कार्यक्रम के तहत हर घर नल का जल योजना को लागू किया गया।जो धरातल पर साकार होने से पहले ही दम तोड़ दिया है। यह धरातल पर साकार नहीं होकर कागजी प्रक्रिया बनकर रह गई है।
अधिकांश मामलों में बड़ें पैमाने पर लूट खसोट कर खाओ पकाओ योजना बनकर रह गया हैं। आलम यह है की क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों के स्थानीय ग्रामीण अभी भी दूषित एवं गंदे पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। प्रखंड कार्यालय परिसर ओपी परिसर मनरेगा कार्यालय परिसर अंचल कार्यालय परिसर में अब तक हर घर नल जल योजना का पानी नहीं पहुंच सका है।
जिसके कारण सभी कार्यालय कर्मी एवं पुलिस कर्मी शुद्ध पेयजल के अभाव में मजबूरी है कि वो चापाकल और मोटर से निकलने वाला आयरन मिश्रित पानी पी रहे हैं। चिकित्सक डॉ शिवजी सिंह ने बताया की आयरनयुक्त पानी पीने से लोगों का किडनी लीवर पाचन तंत्र पर बहुत खराब असर पड़ता है तथा धीरे-धीरे लोग हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव बीमारी के चक्कर में आकर गंभीर रूप से ग्रस्ति हो जाते हैं।
जलजमाव की भी समस्या
पुलिसकर्मी श्रीकांत सिन्हा सहित अन्य ने बताया की गर्मी तथा बरसात के मौसम में पानी की गंभीर समस्या से हम लोगों को जूझना पड़ता हैं। वैसे तो बरसात के मौसम में चापाकल पर जलजमाव की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने जलजमाव व आयरन मुक्त पेयजल की मांग की।
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