सुपौल में शुक्रवार को करंट लगने से SSB 45वीं बटालियन के 3 जवानों की मौत हो गई। जबकि 9 जवान घायल हो गए। वीरपुर स्थित SSB के कैंप में सभी जवान करंट की चपेट में आए हैं। सभी घायलों का इलाज वीरपुर अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है। घायलों में 4 की हालत गंभीर बनी हुई है। जिन्हें बेहतर इलाज के लिए DMCH (दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल) रेफर किया गया है।
ट्रेनिंग के दौरान करंट की चपेट में आए जवान
जानकारी अनुसार सशस्त्र सीमा बल के 45वीं बटालियन के कैंपस से होकर गुजरी 11 हजार वोल्टेज की तार की चपेट में टेंट लगा रहे जवान आ गए। जिससे पूरे एसएसबी मुख्यालय में हड़कंप मच गया। घयलों को तुरंत अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना में एक जवान की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी। जबकि दो जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मरने वालों में दो जवान एवं सभी घायल प्रशिक्षु हैं। घटना को लेकर कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं 10 जवान बुरी तरह घायल हो गए। घायलों का इलाज फिलहाल वीरपुर के ललित नारायण अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है। इनमें से 4 जवानों को दरभंगा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
सशस्त्र सीमा बल की ओर से जानकारी दी गई कि- 'ट्रेनी कैंप से होकर जो हाईटेंशन तार गुजरी है। उसे हटाने को लेकर कई बार बिजली विभाग को पत्र लिखा गया। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया। जिससे यह हादसा हुआ है।'
इनकी हुई मौत
मृतकों की पहचान परशुराम सबर, महेंद्र चन्द्र कुमार, अनमोल पाटिल के रूप में हुई है। वहीं, घायलों में नरसिंह चौहान, के.चन्द्रशेखर, पारितोष अधिकारी, मांडवी राजेन्द्र, मो. शमशाद, सुकुमार वर्मा, सोनेलाल यादव, आनंद किशोर, पालक सन्मुख, वीरेंद्र मगही शामिल हैं।
मौके पर पहुंचे अधिकारी
अस्पताल पहुंचने वालों में एसएसबी 45 वीं बटालियन के द्वितीय अधिकारी सह कार्यकारी कमांडेंट आलोक कुमार, एसएसबी कमांडेंट 56 बटालियन बथनाहा एम के एस मुंडा, डीआईजी आरटीसी सुपौल राजीव राणा, एसएसबी बथनाहा मुख्यालय के कमांडेंट संयुक्त चिकित्सा पदाधिकारी केएन थोड़े, बसन्तपुर आरडीओ कुमार मनीष भारद्वाज, पुलिस इंस्पेक्टर केबी सिंह, वीरपुर थाना अध्यक्ष डीएन मंडल आदि अधिकारी शामिल थे।
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