सुपौल के त्रिवेणीगंज अस्पताल की पटरी से उतर चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है यह तस्वीर। यहां जिला कोविड के तीसरे लहर से जूझ रहा है। वहां त्रिवेणीगंज के अनुमंडलीय अस्पताल का एम्बुलेंस धक्का मारने पर स्टार्ट होती है। यहां मौजूद डॉक्टर जब रेफर का खेल खेलते है तो महज एक एम्बुलेंस के सहारे चल रहे इस अस्पताल के एम्बुलेंस को परिजन धक्का मार कर स्टार्ट करते हैं।
समय पर अगर यह एम्बुलेंस स्टार्ट हुई तो मरीज की जान बच गई। लेकिन, नहीं हुआ तो मरीज भगवान भरोसे रहते हैं। इस एम्बुलेंस को चलाने वाले ड्राइवर इस वजह से चुप रहते हैं कि कहीं बोलने पर नौकरी न चली जाए तो वही अस्पताल की व्यवस्था को देखने वाले अधिकारी इसे कोई बड़ी समस्या नहीं मानते हैं। एम्बुलेंस ड्राइवर बताते हैं कि ये हाल दो तीन महीने से है। हाल ही मे इसे ठीक किया गया। लेकिन, हालात आपके सामने है।
वहीं, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रेम रंजन का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया के सामने सफाई देते हुए बताया कि कोई खास दिक्कत नहीं ठंढ के कारण स्टार्ट होने में थोड़ी परेशानी होती है। उनसे जब कहा गया कि कल रात ही आपका एम्बुलेंस ठीक होकर आया है। प्रबंधक का कहना है कि जल्द ही एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है। जिससे मरीजों की परेशानी घटेगी।
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