करजाईन बाजार की सड़क कहने के लिए तो राष्ट्रीय राज मार्ग है। मगर बरसात भर इस सड़क होकर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बुधवार को स्थानीय बाजार वासियों ने आक्रोशित होकर एनएच 106 पर लगे घुटने भर पानी में धान की रोपाई कर सड़क निर्माण कम्पनी व प्रशासन के प्रति रोष जताया है। स्थानीय दुकानदारों एवं लोगों ने बताया कि यह सड़क पांच वर्ष से काफी जर्जर है। मगर इस समस्या को सुनने व देखने वाला कोई नहीं है। हर बार बारिश के मौसम में स्थानीय बाजारवासियों से लेकर राहगीरों के लिए यह सड़क परेशानी का सबब बन गया है।
पहले निर्माण कम्पनी बाजार में अतिक्रमण का वास्ता देकर सड़क नहीं बनाती थी। मगर प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण भी आज से तीन माह पूर्व ही खाली करवा ली गई। जिसके वावजूद भी इस सड़क का निर्माण नहीं होने से लोग अपने घर से निकल नहीं पाते हैं। दुर्गा मंदिर से लेकर भारतीय स्टेट बैंक तक सड़क की यह दुर्दशा है कि सड़क का नामोनिशान तक दिखाई नहीं देता है। गड्ढे में तब्दील यह सड़क पर कहीं कमर भर तो कहीं घुटने भर पानी ही पानी दिखाई देता है। वाहन चालकों को गड्ढे में पानी भरे रहने के कारण सड़क का कुछ अता पता नहीं चलता है। हर रोज इस पथ पर कई छोटे बड़े वाहन चालक गड्ढे में गिरकर जख्मी हो रहे हैं। यह सड़क किसी मौत के कुआं से कम नहीं है।
वाहन चालक अपनी जान हथेली में लेकर इस मार्ग से गुजरने को विवश हैं। निर्माण कम्पनी, प्रशासन व जनप्रतिनिधि इस समस्या को लेकर मूकदर्शक बने हुए हैं। कोई इस समस्या को सुनने देखने को तैयार नहीं। आखिर कब तक इस बाजार की यह दशा रहेगी। एक रोज बारिश हो जाने से सप्ताह जलजमाव की समस्या रहती है। करजाईन में जलजमाव की समस्या काफी जटिल बन चुकी है। इस कारण एनएच 106 पर लोगों ने प्रशासन व निर्माण कम्पनी के विरुद्ध रोष जताते हुए बीच सड़क पर धान की बुआई कर दी है।
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