भोजपुर में बच्ची की मौत के बाद हंगामा:सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में नवजात बच्ची की गई थी जान, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

भोजपुर6 महीने पहले
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बिहार का आईएसओ से मान्यता प्राप्त आरा का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में नजर आया है। ताजा मामला सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की है। जहां बुधवार की दोहपर नवजात बच्ची की मौत के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। हंगामे के दौरान उन्होंने डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों को खूब खड़ी-कोठी भी सुनाई।

हंगामे को लेकर एसएनसीयू वार्ड एवं उसके आसपास अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। हंगामे की सूचना पाकर सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त एएसआई संतोष कुमार सिंह, सदर अस्पताल में मौजूद सुरक्षाकर्मी एवं टाउन थाना दिवा गस्ती में ड्यूटी पर तैनात एसआई अशोक कुमार सिंह अपने दल-बल के साथ आरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड पहुंचे और डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों से मिल घटना की पूरी जानकारी ली।

इसके बाद वह मृत बच्ची के परिजनों से भी मिले और उन्हें समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। इसके बाद मृत बच्ची के परिजन मृत बच्ची के शव को वापस अपने गांव ले गए। जानकारी के अनुसार मृत बच्ची पवना थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव वार्ड नंबर 3 निवासी अंकित कुमार की पुत्री थी। इधर मृत बच्ची के पिता अंकित कुमार ने बताया कि 21 नवंबर सोमवार की सुबह वह अपनी पत्नी गुड़िया देवी का प्रसव कराने के लिए आरा सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड लेकर आए थे। जहां उनकी पत्नी को नॉर्मल बच्ची हुई।

बच्ची के होने के कुछ देर बाद ही उसकी तबीयत थोड़ी बिगड़ गई। जिसके बाद उन्होंने उसे शिशु चिकित्सक से उसे दिखाया तो चिकित्सक ने कहा कि आपकी बच्ची पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त नहीं है। इसे 72 घंटे तक एसएनसीयू वार्ड में रखा जाएगा। उसके बाद इसकी तबीयत ठीक हो जाएगी। जिसको लेकर उसका एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। बुधवार की सुबह बच्ची को देखा गया तो वह बिल्कुल ठीक थी। बुधवार की दोपहर 1 बजे से पहले मेरी मां जब बच्ची को देखने गई तो वह हिचकी ले रही थी।

जिसके बाद मैं भी देखने गया तो वह लगातार हिचकी ले रही थी। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को दी।जिसके बाद चिकित्सक ने उसे देखा तभी कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। वहीं दूसरी ओर मृत बच्ची के पिता अंकित कुमार ने एसएनसीयू वार्ड में मौजूद चिकित्सक के लापरवाही के कारण अपने बच्ची की मौत होने का आरोप लगाया है।

जबकि दूसरी ओर एसएनसीयू वार्ड में मौजूद ऑन ड्यूटी शिशु महिला चिकित्सक डॉ.प्रीति ने बताया कि जिस समय उन्होंने राउंड लिया था उस समय बच्ची बिल्कुल सही थी। लेकिन जो आरडीएस या ब्रेथ ऐसीसिया बच्चे होते है उन्हें ऑक्सीजन की कमी होती है। जिसके कारण उनका ब्रेन काम नहीं करता है और अचानक से वह सांस लेना भी भूल जाते हैं। वैसे बच्चों का हम लोग ट्रीटमेंट करते हैं। यही बीमारी उनके बच्ची को भी थी। जिसका हम लोगों ने अपने तरीके से पूरा ट्रीटमेंट किया।

जिसके बाद उनकी बच्ची का हार्ड बीट एवं सास भी वापस आया। उसके बाद मैंने कहा कि उस बच्ची को वेंटिलेटर की जरूरत है जो हमारे अस्पताल में उपलब्ध नही है। उसके बाद मैंने उसे पटना रेफर कर दिया और कहा कि आप इसे लेकर पटना चले जाइए वहां वेंटिलेटर पर रहेगी तो ठीक हो जाएगी। लेकिन पटना रेफर करने के बावजूद भी परिजन उसे नहीं ले गए। अब वह ऐसा आरोप लगा रहे हैं। हालांकि हम लोग भी नहीं चाहते हैं कि जो बच्चे यहां आए वह इस हालत में जाएं। हम लोग भी यही चाहते कि जो भी बच्चे यहां आए वह सही सलामत और स्वस्थ होकर जाएं।