स्थानीय पीरो अनुमंडल मुख्यालय अवस्थित धर्मशाला में शनिवार को कवि रविन्द्र नाथ टैगोर की जयंती पर समारोह हुआ। इस दौरान रविन्द्र नाथ और उनके जीवन-वृत पर राजीव कांग्रेस की ओर से गोष्ठी हुआ। कार्यक्रम में जुटे लोगों ने कहा कि वर्तमान समय में जैसा माहौल है, उसमें जन-गण-मन जैसे कालजयी रचना के लिए वे हमेशा लोगों के जेहन में याद रहेंगे। कवि रविन्द्रनाथ टैगोर के छाया चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
उपेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रगान के रचयिता और शांति निकेतन के संस्थापक रवीन्द्रनाथ ने टैगोर देश के लोगों में देश भक्ति का अनुराग जगाया। देश अलगाववाद और आतंकवाद जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में देशभक्ति और एकता का अनुराग भरने के लिए लोगों को रवीन्द्रनाथ टैगोर के बताये मार्ग का अनुसरण करने की जरुरत है। रविन्द्र नाथ ने कहा था मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में खेलते हैं।
भगवान उन्हे खेलना देखते हैं और पुजारी को भूल जाते हैं और बच्चे को खेलना देखना चाहते हैं। हमें बच्चों की तरह प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना होगा। इंद्रियों में सीमित विज्ञान से अतिप्रिय परमज्ञान की ओर समुख होना होगा। तकनीकि मार्ग छोड़कर प्रकृति की पगडंडियों पर विचरण करना है। मुरलीकांत मिश्र, वीरेंद्र मधेशिया, अनील मेहता, जगनारायण राम, सुनिल चौरसिया, शेर मोहम्मद खां सहित अन्य थे।
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