शहर में कचरा जलाने की घटना नई नहीं है। किला मैदान से सटे उत्तर तरफ जमा किये गये कचरे में हमेशा आग लगा दिया जाता है। बीते सोमवार की देर शाम यही वाक्या शहर के सिविल लाइन स्थित महात्मा गांधी बड़ा बाजार के परिसर में देखा गया। बाजार परिसर के पश्चिम और दक्षिण के कोने पर जमा किये गये कचरा में आग लगा दिया गया। नतीजा पूरी रात कचरा का ढ़ेर धुआं उगलता रहा। जिससे पूरा वातावरण प्रदूषित हो गया। खास तो यह है कि इस बड़ी समस्या की वजह नगर परिषद ही है। बाजार से निकलने वाला कचरा परिसर में के कोने में जमा किया जा रहा है।
कचरा में प्लास्टिक व अन्य सड़े-गले सब्जियों के अवशेष से निकलने वाले लाल धुआं से आस पास के लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। घरों की खिड़की बंद करने के बावजूद लोग घुटन महसूस किये। यह दिगर बात है कि आग किसने जलाई इसका किसी को कोई पता नहीं है। लेकिन, शहर का कचरा शहर में ही खपाने पर रोक लग जाय तो इस तरह की परेशानी से लोगों की जान बच सकती है। प्लास्टिक युक्त कचरा से निकलती है जहरीली गैस : जानकारों की मानें तो प्लास्टिक युक्त कचरा से जहरीली गैस निकलती है, जो जानलेवा है।
जल रहे प्लास्टिक से कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ बिना जले कार्बन और डॉयोक्सिन गैस निकलती है। डॉयोक्सिन गैस कैंसर की वजह बनती है। सिविल लाइन मुहल्ला के पप्पु कुमार, रामचंद्र प्रसाद, प्रणय सिंह आदि ने कहा कि यहां के बाजार में जितनी गंदगी है उतनी गंदगी शायद ही कहीं देखने को मिले। सोचने वाली बात यह है कि इस बाजार से नगर परिषद प्रशासन को हर साल लाखाें रूपये का राजस्व प्राप्त होता है। बावजूद इसकी सुध नहीं लिया जा रहा। बाजार में कूड़े कचरा का अंबार है। अगल-बगल के लोग भी बाजार परिसर में कचरा फेंक देते हैं। नगर परिषद की ओर से इन कचरों को जेसीबी से एक जगह जमा कर दिया जाता है। लेकिन, उठाव कब होगा यह कहना मुश्किल है। पहली बार कचरा के ढ़ेर में आग लगाने वाली घटना सामने आई है। ऐसा होता रहा तो मुहल्लेवासी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
क्या कहती हैं उप मुख्य पार्षद
उप मुख्य पार्षद इशरत बानाे ने कहा कि बोर्ड की पहली बैठक में कचरा प्रबंधन के लिए डंपिंग जोन बनाने का एजेंडा ईओ को दिया गया था। लेकिन, इस पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया। जब तक शहर से कचरा का निस्तारण नहीं हाेगा तब तक उसमें आग लगाने वाली घटनाएं हाेती रहेगी। अगली बैठक में शहर काे कचरा से मुक्त कराने के मसले को प्राथमिकता के ताैर पर दोबारा उठाया जाएगा।
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